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भारत की मुख्य पारिस्थितिक समस्याओ की चर्चा कीजिये तथा उनके उपाय योजनाओ की प्रभावशीलता का परीक्षण कीजिये

 प्रश्न.

भारत की मुख्य पारिस्थितिक समस्याओ की चर्चा कीजिये तथा उनके उपाय योजनाओ की प्रभावशीलता का परीक्षण कीजिये |  ( 64th BPSC, 2019)

उत्तर 

उच्च जनसंख्या वृद्धि, प्राकृतिक संसाधनों के अनियंत्रित दोहन, और सतत विकास नहीं करने के कारण, भारत अभी निम्नलिखित प्रमुख पारिस्थितिक समस्याओं का सामना कर रहा है:

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के आसपास उत्तरी मैदान पर धुंध और वायु की खराब  गुणवत्ता:

  • सर्दियों के मौसम के दौरान, पाकिस्तान के रेगिस्तानी क्षेत्र और मध्य पूर्व से धूल के कण और उत्तरी मैदानों में बायोमास के जलने से निकलने वाले धुएं के  मिलने से कारण दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के आसपास घने कोहरे का निर्माण होता है जो की अल्यधिक मनुष्य के सेहत तथा वाहन के अवागमन दोनों के लिए हानि कारक  होता हैं ।
  • डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, दुनिया के 14 सबसे प्रदूषित शहर भारत में हैं।
  • लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आठ में से एक मौत खराब वायु गुणवत्ता के कारण होती  है।
  • सरकार ने वायु गुणवत्ता के समाधान और दीर्घकालिक स्थिरता के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का गठन किया है। लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है, हमें सूक्ष्म-स्तरीय (व्यक्तिगत) योजना और और कार्यान्वयन की आवश्यकता है जिससे की वातावरण में प्रदुषण फैले ही नहीं ।


पूरे भारत में जल प्रदूषण, पानी की कमी और भूजल का कम होना:

  • ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालय में ग्लेशियर पिघल रहे हैं और इससे गर्मी के दिनों में हिमालय की नदियों में पानी कम हो सकता है।
  • भूजल के अनियंत्रित दोहन के कारण कुछ क्षेत्रों में भूजल स्तर खतरनाक स्तर पर चला गया है।
  • जल प्रदूषण के कारण अधिकांश सतही और भूजल उपयोग के लिए अनुपयुक्त हैं।
  • वर्तमान में, भारत में जल संबंधी समस्याओं को देखने के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया है।
  • एनजीटी गुणवत्तापूर्ण पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।


अनुचित अपशिष्ट निपटान:

  • भारत में प्रति व्यक्ति अपशिष्ट का औसत उत्पादन विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है लेकिन आप हर जगह अपशिष्ट खुले में पड़े रहते है, परिणाम स्वरूप यह जल के साथ बह  कर जल प्रदुषण करते है और मृदा के साथ मिल कर मृदा प्रदुषण फैलाते है | जब अपशिष्ट को हम जलाते है तो यह वायु प्रदुषण फैलते है | 
  • हमारे पास अपशिष्ट उपचार और ई-कचरा उत्पादन और निपटान की निगरानी के लिए एक उचित तंत्र नहीं है, उचित तंत्र की जरुरत है | 


मिट्टी की अवनति:

मृदा निम्नीकरण का अर्थ है मिट्टी की गुणवत्ता में कमी और उत्पादकता में कमी। सही ढंग से मृदा के उपयोग नहीं करते से उनकी गुडवत्ता में कमी आ रही है जिससे के परिस्थिक तंत्र को नुकसान हो रहा हैं | 

वनों की कटाई:

भारत में वन कानून के अनुसार, पारिस्थितिक स्थिरता के लिए भारत में कम से कम 33% वन क्षेत्र होना चाहिए। वर्तमान में, हमारे पास भारत में केवल 22% वन क्षेत्र है।

पारिस्थितिक समस्याओं के प्रमुख समाधान निम्नलिखित हैं:

  • जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश लगाए 
  • सतत विकास के कार्यशैली को चुने 
  • ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करे 
  • मशीन की दक्षता में वृद्धि करे 
  • अपशिष्ट पदार्थ को कम  से कम  उत्पादन करें 
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