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कृषि आवश्यकताओं और ग्रामीण अधिवासों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हाल ही में किये गए जल संसाधनों के संरक्षण के उपाय कौन -कौन से है ?

 प्रश्न। 

कृषि आवश्यकताओं और ग्रामीण अधिवासों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हाल ही में किये गए जल संसाधनों के संरक्षण के उपाय कौन -कौन से है ?  ( 63rd BPSC, 2019)

उत्तर। 

जैसे की हम जानते है कि कृषि क्षेत्र भारत में जल संसाधनों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, इसलिए जल संसाधनों की कोई भी कमी ग्रामीण बस्तियों (गांवों)को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।

जल संसाधनों के संरक्षण के दो तरीके हैं:

  • जल संसाधनों की उपलब्धता बढ़ा  कर। 
  • जल संसाधनों की खपत कम कर के ।

हाल ही में, केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने जल संरक्षण के लिए  जागरूकता तथा जीवन शैली के बदलाव पर ज्यादा बल दिया जिससे कि पानी की खपत को कम  से कम किया जा सके । 


कृषि और ग्रामीण बस्तियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए जल संसाधनों के संरक्षण के लिए हाल ही में किए गए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:

  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के 75 प्रतिशत धन का उपयोग जलाशयों को मजबूत करने के लिए किया गया था और जल शक्ति अभियान (जेएसए) ने जल संसाधन संरक्षण के पांच पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया है:
    • जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन
    • पारंपरिक जल निकायों का नवीनीकरण
    • पानी का पुन: उपयोग और रिचार्जिंग संरचना
    • वाटरशेड विकास
    • गहन वनरोपण
  • भारतीय किसान बाढ़ सिंचाई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं जो पानी की बर्बादी, मिट्टी के कटाव, खाद भूजल  में चले जाना (भूजल प्रदूषण) का कारण बनती हैं। भारत के किसान अमेरिका और चीन की तुलना में उसी फसल के लिए तीन से चार गुना अधिक पानी का इस्तेमाल करते हैं। अब सरकार कृषि में पानी के उपयोग को कम करने के लिए स्प्रिंकल और ड्रिप सिंचाई तकनीकों के उपयोग पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है।
  • वाष्पीकरण से होने वाले जल की नुकसान को कम करने के लिए मिट्टी पर मल्चिंग पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। 
  • भूजल का उपयोग काम करने तथा सतही जल के संरक्षण पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। 

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