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शहरीकरण की समस्याएं और उपाय UPSC

 शहरीकरण में निम्नलिखित समस्याएं हैं:

शहरीकरण के कारण पर्यावरण संबंधी मुद्दे:

संसाधनों की कमी और प्रदूषण शहरीकरण की दो प्रमुख पर्यावरण संबंधी समस्याएँ  हैं:

शहरी केंद्रों में प्राकृतिक संसाधनों का ह्रास:

  • शहरी केंद्र में अधिक जनसंख्या से पानी, भूमि, भोजन, ईंधन, आश्रयों की मांग में वृद्धि होती है, जिसके परिणामस्वरूप शहरी केंद्र में प्राकृतिक संसाधन जैसे भूजल, जंगल, वन्यजीव, भूमि आदि बहुत तेजी से क्षय होते हैं और शहरीकरण से क्षेत्र में पारिस्थितिक असंतुलन का कारण बनता है।


प्रदूषण स्तर में वृद्धि:

  • शहरी केंद्रों से औद्योगिक अपशिष्ट और शहरी बस्तियों से सीवेज का निर्वहन शहरी क्षेत्रों में मुख्य पर्यावरणीय चिंताएं हैं। औद्योगिक अपशिष्ट और सीवेज डिस्चार्ज जल प्रदूषण, मिट्टी प्रदूषण और क्षेत्र के वनस्पतियों और जीवों को नुकसान पहुंचाते हैं।
  • औद्योगिक अपशिष्टों और सीवेज-डिस्चार्ज के अलावा, बड़े पैमाने पर प्लास्टिक और ठोस अपशिष्ट उत्पादन प्रमुख पर्यावरणीय चिंताएँ हैं क्योंकि वे वातावरण, स्थलमंडल, जलमंडल और जीवमंडल जैसे वातावरण के हर क्षेत्र को नुकसान पहुँचाते हैं।


शहरीकरण के कारण जनसंख्या संबंधी समस्याएं:


शहरीकरण के कारण जनसंख्या संबंधी समस्याएं निम्नलिखित हैं:

जनसांख्यिकीय परिवर्तन और ग्रामीण से शहरी प्रवास:

  • शहरीकरण ग्रामीण से शहरी प्रवास के प्रचलन को बढ़ा दिया है। यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय परिवर्तनलाता है। 
  • भारत जैसे विकासशील देशों में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में पुरुष प्रवास ज्यादा होने के कारण, शहरी केंद्रों में पुरुष की आबादी ज्यादा हो जाती है। 
  • एक विकसित देश में इसके विपरीत परिदृश्य होता है, शहरी केंद्रों में महिला आबादी पुरुषो की अपेक्षा ज्यादा होती है और वहां पुरुष आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि गतिविधियों के लिए रहती है।

आर्थिक असमानता में वृद्धि:

  • शहरीकरण अमीर को अधिक अमीर और गरीब को गरीब बनाता है। इससे लोगों में असमानता बढ़ती है।


एकल परिवार प्रवृत्तियों में वृद्धि:

  • शहरीकरण से एकल परिवार में वृद्धि होती है [दंपति और उनके बच्चे] 


उच्च बेरोजगारी दर:

  • शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उतने नहीं बढ़ रहे हैं जितनी वहां जनसंख्या बढ़ रही हैं , परिणामस्वरूप, शहरी केंद्रों में बेरोजगारी दर बढ़ रही है।


शहरी बुनियादी ढांचे की कमी:

शहरीकरण ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी केंद्रों में सड़कों, अस्पतालों, स्कूलों, परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाता है। लेकिन अनियोजित शहरीकरण और शहरी क्षेत्रों में भीड़ के कारण, सामान्य तौर पर, विकासशील देशों को शहरीकरण से निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है:

  • शहरी केंद्रों में भीड़
  • ट्रैफिक की समस्या 
  • ठोस अपशिष्ट और सीवेज उपचार संयंत्रों की कमी
  • अपर्याप्त स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं
  • सड़कों और राजमार्गों में गड्ढे
  • सार्वजनिक और निजी शौचालयों की कमी


कानून व्यवस्था की समस्या

कानून व्यवस्था की समस्या शहरों में निम्न लिखित हैं :

  • अवैध निर्माण
  • फुटपाथ और सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण।
  • अपराध में वृद्धि जैसे बलात्कार, साइबर अपराध, सामाजिक संघर्ष आदि।


शहरीकरण की समस्या का समाधान :

शहरीकरण की सभी समस्याओं का समाधान शहर के सतत विकास में निहित है। पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और समाज के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण की जरूरत है।

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शहरी निकायों को उनकी स्थानीय समस्याओं के लिए आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के लिए कर संग्रह को अधिक शक्ति दी जानी चाहिए।


Previous years Question:

  • विश्व में नगरीय फैलाव और वृद्धि से संबंधित कौन सी समस्याए है ? ( 66th BPSC geography mains)

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