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प्लेट विवर्तनिकी के सिद्धांत का वर्णन कीजिये तथा दो समान एवं दो भिन्न प्लेटो के टकराव से होने वाले प्रभाव की व्याख्या कीजिये। | UPPSC 2021 Geography Optional

प्रश्न।  

प्लेट विवर्तनिकी के सिद्धांत का वर्णन कीजिये तथा दो समान एवं दो भिन्न प्लेटो के टकराव से होने वाले प्रभाव कीव्याख्या कीजिये। (UPPSC 2020)

प्लेट विवर्तनिकी के सिद्धान्त का विवेचन उसके तीन सीमान्तों से संबंधित आकृतियों के संदर्भ में कीजिए। ( 2010)

उत्तर। 

प्लेट विवर्तनिकी के सिद्धांत एक आधुनिक सिद्धांत है जो महाद्वीपों और महासागरों की वर्तमान स्थिति की व्याख्या करता है और साथ ही यह पृथ्वी के प्रमुख भू-आकृतियों के निर्माण की भी व्याख्या करता है।

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत का प्रतिपादन मैकेंजी, पार्कर और मार्जिन ने 1967 में किया था।

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत की अवधारणा:

  • सिद्धांत के अनुसार,  स्थलमंडल, क्रस्ट और ऊपरी मेंटल (यानी एस्थेनोस्फीयर) से बना है। स्थलमंडल सात (7) प्रमुख और लगभग 15 से अधिक छोटी प्लेटों में विभाजित है।
  • प्रत्येक प्लेट में महाद्वीप और समुद्री क्रस्ट शामिल हो सकते हैं। लेकिन हम आम तौर पर कहते हैं कि प्लेट महाद्वीपीय प्लेट है, यदि प्लेटों का अधिकांश क्षेत्र महाद्वीपीय क्रस्ट द्वारा कवर होता है, अन्यथा हम उसे महासागरीय प्लेट कहते हैं।
  • महाद्वीपीय प्लेट हल्का होता है क्योंकि यह सियाल (सिलिकॉन और एल्युमिनियम) से बना होता है।
  • महासागरीय प्लेट भारी होता है क्योंकि यह सिमा (सिलिकॉन और मैग्नीशियम) से बना होता है।
  • ये सभी प्लेटें कुछ मिमी से सेमी प्रति वर्ष इनमे किसी विशेष दिशा में गति करते हैं।
  • मेंटल के अंदर संवहन कोशिकाएं प्लेटों की गति के प्रेरक शक्ति हैं।
  • प्रमुख भू-आकृतियाँ जैसे पर्वत, खाइयाँ; और भूकंप और ज्वालामुखी जैसी घटनाएँ दो प्लेटों के सीमा क्षेत्र पर होती है। 
प्लेट संचलन के तीन सीमान्त(सीमाओं के प्रकार) होते हैं:
  • अभिसरण सीमान्त
  • अपसारी  सीमान्त
  • अनुप्रस्थ  सीमान्त

दो समान एवं दो भिन्न प्लेटो के टकराव के निम्नलिखित तरीके होते हैं:

  • महाद्वीपीय-महाद्वीपीय अभिसरण
  • महाद्वीपीय-महासागरीय अभिसरण
  • महासागरीय-महासागरीय अभिसरण

दो समान एवं दो भिन्न प्लेटो के टकराव से होने वाले प्रभाव की व्याख्या कीजिये।

महाद्वीपीय-महाद्वीपीय टकराव से होने वाले प्रभाव:

  • सबसे उच्चे वलिय पर्वत का निर्माण होता है। 
  • उदाहरण के लिए, हिमालय पर्वत, भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच टकराव क्षेत्र में बना है।
  • अभिसरण क्षेत्र में समय-समय पर भूकंप आते रहते है।


महासागरीय प्लेट और महाद्वीपीय प्लेटों के टकराने से होने वाले प्रभाव:

  • वलित पर्वत महाद्वीपीय सीमांत पर बनते हैं। उदाहरण के लिए, एंडीज और रॉकी पर्वत प्रशांत महासागर की प्लेट और अमेरिकी प्लेट के अभिसरण क्षेत्र पर बनते हैं।
  • ज्वालामुखी पर्वत भी सबडक्शन जोन के ऊपर और महाद्वीप पर बनते हैं। उदाहरण के लिए, एंडीज और रॉकी पहाड़ों के पूर्वी हिस्से में कई ज्वालामुखी पर्वत हैं।
  • इस क्षेत्र में भूकंप आते रहते हैं।
  • गर्त भी समुद्र के किनारे और सबडक्शन क्षेत्र के पास बनती हैं।


दो महासागर प्लेटो के टकराव पर होने वाले प्रभाव:

  • ज्वालामुखीय द्वीप आर्क सीमा पर बनते हैं। उदाहरण के लिए, टोंगा और मारियाना द्वीप दो महासागरीय प्लेटो के अभिसरण क्षेत्र पर बने हैं।
  • सीमा पर गहरे गर्त का निर्माण होता है । उदाहरण के लिए, दुनिया की सबसे गहरी खाई जैसे मारियाना खाई प्रशांत माहासागर में है।
  • भूकंप भी बहुत आते रहते हैं।


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