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पंजाब, हरियाणा, और तमिलनाडु राज्यों में सबसे अधिक भौम जल विकास के लिए कौन से कारक उत्तरदायी हैं ?

 प्रश्न। 

पंजाब, हरियाणा, और तमिलनाडु राज्यों में सबसे अधिक भौम जल विकास के लिए कौन से कारक उत्तरदायी हैं ?

( NCERT class 12, अध्याय 6: जल संसाधन , भारत लोग और अर्थव्यवस्था)

उत्तर। 

भारत के जल संसाधन आंकड़ों के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भूजल का उपयोग बहुत अधिक है।

पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में उच्चतम भौम जल विकास के लिए निम्नलिखित कारक जिम्मेदार हैं:

पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु पहले ऐसे क्षेत्र हैं जहां आधुनिक कृषि तकनीकों जैसे संकर बीज, उर्वरक, और कृषि मशीनरी का उपयोग किया गया था, इसलिए इन राज्यों में अच्छी तरह से कृषि विकास हुआ है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में, 85 प्रतिशत से अधिक शुद्ध बोया गया क्षेत्र सिंचाई के अंतर्गत आता है। इसलिए, फसल उगाने के लिए जल संसाधनों की बहुत मांग है। पानी की मांग को पूरा करने के लिए, वहां उपलब्ध सतही जल मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है, इसलिए इन राज्यों में भूजल का सबसे अधिक उपयोग होता है।

इन राज्यों में सिंचाई के लिए अच्छी तरह से विकसित नलकूप प्रणालियाँ हैं क्योंकि इन राज्यों की सरकारों ने नलकूप सुविधाओं को बढ़ावा दिया और संचालन के लिए सस्ती बिजली भी प्रदान की।

इन राज्यों में जलोढ़ मिट्टी पायी जाती हैं जो वर्षा जल से भूजल को आसानी से रिचार्ज करने में मदद करते हैं। जलोढ़ मृदा में नलकूप खोदना आसान है जिससे छोटे किसान भी आसानी से नलकूप खोद पाता हैं ।

इन राज्यों के किसानों ने धान, गन्ना, गेहूं, आदि जैसी जल-गहन फसलों को उगाना पसंद करते है , इसलिए इन फसलों को उगाने के लिए पानी की मांग बढ़ जाती है।

नरम जलोढ़ मिट्टी, अच्छी सिंचाई प्रणाली, हरित क्रांति, सस्ती बिजली और भूजल की आसान उपलब्धता के कारण, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में भूजल का विकास सबसे अधिक है।

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