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भारत में वायु परिवहन के क्षेत्र में "एयर इंडिया" तथा "इंडियन" के योगदान की विवेचना करें।

 प्रश्न। 

भारत में वायु परिवहन के क्षेत्र में "एयर इंडिया" तथा "इंडियन" के योगदान की विवेचना करें।

( NCERT class 12, अध्याय 10: परिवहन तथा संचार , भारत लोग और अर्थव्यवस्था)

उत्तर।

वायु परिवहन, परिवहन का सबसे तीव्रतम और सबसे आधुनिक साधन है। सबसे तीव्रतम साधन होने के कारण यह लम्बे दूरी के यात्रा को बहुत ही कम समय में पूरी करता है। सड़क और रेलवे की तुलना में हवाई परिवहन पहाड़ियों, पहाड़ों और रेगिस्तान जैसे कठिन इलाकों के लिए सबसे उपयुक्त है क्योकि इसके लिए सिर्फ हवाई अड्डा बनाने की जरुरत पड़ता हैं। 

भारत की वायु परिवहन प्रणाली के विकास निम्नलिखित हैं;

1911 में भारत में हवाई परिवहन प्रणाली की शुरुआत हुई। प्रयाग राज से नैनी के बीच 10 किमी की थोड़ी दूरी पर हवाई परिवहन शुरू हुआ।


हवाई परिवहन प्रणाली का वास्तविक विकास स्वतंत्रता के बाद ही शुरू हुआ था।
1947 में, चार प्रमुख कंपनियों-इंडियन नेशनल एयरवेज, टाटा संस लिमिटेड, एयर सर्विसेज ऑफ इंडिया और डेक्कन एयरवेज द्वारा हवाई परिवहन प्रदान किया गया था।


1951 में - चार और कंपनियां सेवाओं में शामिल हुईं, भारत एयरवेज, हिमालयन एविएशन लिमिटेड, एयरवेज इंडिया और कलिंग एयरलाइंस।


1953 में - हवाई परिवहन का राष्ट्रीयकरण किया गया और दो निगम, एयर इंडिया इंटरनेशनल और इंडियन एयरलाइंस का गठन किया गया। अब, एयर इंडिया इंटरनेशनल को "एयर इंडिया" के रूप में जाना जाता है और इंडियन एयरलाइंस को 'इंडियन' के रूप में जाना जाता है।

भारत के हवाई परिवहन में "एयर इंडिया" और "इंडियन" का योगदान:

1953 से "एयर इंडिया" यात्रियों और कार्गो यातायात दोनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय हवाई सेवाएं प्रदान करता है। यह अपनी सेवाओं के माध्यम से दुनिया के सभी महाद्वीपों को जोड़ता है। इसके आलावा , भारत में वायु परिवहन का प्रबंधन "एयर इंडिया" द्वारा किया जाता हैं। 


1953 से, "इंडियन" यात्री और कार्गो यातायात दोनों के लिए घरेलू हवाई सेवाएं प्रदान करता है।
वर्ष 2010 में 520.21 लाख घरेलू यात्री और लगभग 23 लाख मीट्रिक टन माल ढुलाई हुई थी।

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