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भारत के वन संसाधनों का संरक्षण

 भारत के वन संसाधनों के बारे में:

भारत का वन और वृक्ष आवरण भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्रों का लगभग 24.56% है। जिसमें 12.4 फीसदी घने जंगल, 9.26 फीसदी खुले जंगल और 0.15 फीसदी मैंग्रोव वन हैं।

बड़ी विकास परियोजनाओं ने भारत में वन आवरण को नुकसान पहुंचाया है। अनुमान के अनुसार, 1951 के बाद से नदी घाटी परियोजनाओं ने 5,000 वर्ग किमी से अधिक वन क्षेत्र नष्ट किया है।

यद्यपि वन संरक्षण के उपायों, प्रबंधन के हस्तक्षेप और संरक्षण समुदायों द्वारा वृक्षारोपण के कारण भारत में वन क्षेत्र में स्पष्ट वृद्धि हुई है, लेकिन नदी बांध परियोजना और खनन से वन क्षेत्र में नुकसान अभी भी जारी है।

वनों का विनाश सिर्फ एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं है बल्कि सांस्कृतिक विविधता के नुकसान से भी जुड़ा है। इस तरह के नुकसान बड़े पैमाने पर उन समुदायों को प्रभावित करते हैं जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से वनों पर निर्भर हैं।

इसलिए हमें पारिस्थितिक संतुलन और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए वन पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने की आवश्यकता है।


भारत के वन संसाधनों का संरक्षण:

1950 और 1970 के दशक में संरक्षणवादियों ने वनों के संरक्षण की मांग की। तब से वन संसाधनों का संरक्षण के उपायों को दो प्रकार में विभाजित किया जा सकता हैं -

  • सरकार द्वारा शुरू की गई संरक्षण उपाय। 
  • समुदाय और गैर सरकारी संगठन द्वारा संरक्षण उपाय। 


सरकार द्वारा शुरू की गई वन संरक्षण उपाय:

भारत में वनों के संरक्षण के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण नीतियाँ अपनाई गई हैं।

  • राष्ट्रीय वन नीति 1952
  • राष्ट्रीय वन नीति 1988
  • राष्ट्रीय वन नीति 2018


राष्ट्रीय वन नीति 1952:

राष्ट्रीय वन नीति 1952, स्थायी पारिस्थितिक संतुलन के लिए पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 66 प्रतिशत वन कवर और मैदानी क्षेत्रों और पठारी क्षेत्रों के लिए 33% वन कवर की सिफारिश की।

वन प्रबंधन और संरक्षण उद्देश्यों के लिए, वनों को तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया था:

  • आरक्षित वन
  • संरक्षित वन
  • अवर्गीकृत वन


कुल वनों के 50 प्रतिशत से अधिक को आरक्षित वनों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। वनस्पतियों और जीवों की जैव विविधता को बनाए रखने के लिए आरक्षित वन सबसे मूल्यवान वन हैं।

लगभग एक तिहाई वनों को संरक्षित वनों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन वनो  को आगे और ह्रास होने से रोकना है।

आरक्षित वन और संरक्षित वनों को लकड़ी और अन्य वन उपज के उत्पादन के उद्देश्य से स्थायी वन माना जाता है।

अवर्गीकृत वन वे वन हैं जो बंजर भूमि तथा अन्य भूमि के अंतर्गत आते हैं और यह सरकारी, निजी व्यक्तियों, और समुदायों द्वारा संरक्षित किया जाता है।



राष्ट्रीय वन नीति 1988:

राष्ट्रीय वन नीति 1988 ने निम्नलिखित की सिफारिश की है:

इसने सिफारिश की कि पारिस्थितिक संतुलन और पर्यावरणीय स्थिरता के रखरखाव के लिए कुल मिलाकर 33% वन क्षेत्र होना चाहिए ।

इसने वन भंडार के संरक्षण और विस्तार और स्थानीय लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सतत वन प्रबंधन पर जोर दिया। 

यह लोगों को जंगल पर दबाव कम करने और लकड़ी के विकल्प का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

इसने बाढ़ और सूखे को कम करके तथा मिट्टी के कटाव को रोकने के वनीकरण पर जोर दिया।

यह बड़े पैमाने पर वनीकरण और सामाजिक वानिकी को बढ़ावा देता है।

यह राष्ट्रीय उद्यान, बायोस्फीयर रिजर्व के माध्यम से वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए भूमि उपयोग की अनुमति देता है

वन देश की राष्ट्रीय धरोहर हैं। जैव विविधता और आनुवंशिक पूल के लिए वनों का संरक्षण  करने पर जोर दिया। 

यह वन आधारित उद्योगों को हतोत्साहित करता है


मसौदा राष्ट्रीय वन नीति 2018:

राष्ट्रीय वन नीति 2018 के मसौदे के लिए निम्नलिखित सिफारिशें हैं।

इसने फिर से इस बात पर जोर दिया कि कम से कम 33% वन क्षेत्र पर्यावरण-संधारणीयता के लिए है।

पीपीपी मॉडल सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल वनीकरण और अवक्रमित वन क्षेत्रों में पुनर्वनीकरण  पे जोर देता हैं। 

वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वन का सतत प्रबंधन जरुरी हैं। 

शहरी क्षेत्रों में हरित पट्टी तथा परिवाहनो लाइन के दोनों तरफ वनीकरण पर जोर देता हैं। 

मानव और वन्यजीव संघर्ष को करने के लिए दो निकाय स्थापित करने के जरुरत बताई :

  • राष्ट्रीय वाणिज्यिक वन प्रबंधन
  • राष्ट्रीय वानिकी बोर्ड।


समुदाय और वन संरक्षण:

हिमालयी क्षेत्र में चिपको आंदोलन ने वनों की कटाई के खिलाफ सफलतापूर्वक काम की है।

इंडिया जॉइन फॉरेस्ट मैनेजमेंट (जेएफएम) वन प्रबंधन में स्थानीय समुदायों की भागीदारी से जंगलों की देखभाल का एक अच्छा उदाहरण है। जेएफएम 1988 से अस्तित्व में है और ओडिशा जेएफएम के लिए प्रस्ताव पारित करने वाला पहला राज्य था।


Try to solve the following questions:

  • भारत के वन संसाधनों के संरक्षण के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं ?  ( 60-62nd BPSC geography)

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