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कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय सुझाएँ।

 प्रश्न। 

 कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय सुझाएँ। 

( अध्याय - 4-कृषि, कक्षा  X NCERT समकालीन भारत-2 )

उत्तर।

कृषि उत्पादन में खाद्यान्न, दूध, मछली और पशुधन उत्पाद आदि शामिल हैं। स्वतंत्रता के बाद, भारत में जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई जिसके कारण खाद्यान्न की मांग भी बढ़ी। जैसा कि हम जानते हैं कि खेती की भूमि को बढ़ाने की सीमित गुंजाइश है, इसलिए कृषि उत्पादन या कृषि उत्पादकता बढ़ाकर खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने का एक ही विकल्प था।


कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने समय-समय पर कई पहल की हैं। कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा की गई कुछ पहल निम्नलिखित हैं।

  • जमींदारी व्यवस्था का उन्मूलन।
  • भूमि चकबंदी योजना। 
  • लैंड सीलिंग एक्ट ( भूमि जोत की सीमा) 
  • हरित क्रांति
  • ऑपरेशन फ्लड (श्वेत क्रांति)।
  • सिंचाई, उर्वरक उद्योग और कोल्ड स्टोरेज जैसे कृषि बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।
  • नुन्यूनतम समर्थन मूल्य ( एमएसपी )और उर्वरक सब्सिडी जैसी सरकारी योजनाएं। 
  • ग्रामीण बैंकों और सहकारी समितियों जैसे विभिन्न संस्थानों की स्थापना।
  • रेडियो और टेलीविजन पर मौसम बुलेटिन और कृषि कार्यक्रम।
  • किसान क्रेडिट कार्ड
  • फसल बीमा
  • व्यक्तिगत बीमा कवर



ज़मींदारी प्रथा के उन्मूलन ने लाखों किसानों को ज़मीन का अधिकार दिया जिससे वे अपनी ज़मीन के मालिक बन गए। ज़मीन के मालिक बनने से लाखो किसानों को खेत अपनापन लगने लगा जिसके कारन उन्होंने अपने खेतो में निवेश किया और कृषि उत्पादन बढ़ी।


बड़े खेतों को बनाने के लिए एक चकबंदी योजना शुरू की गई ताकि मशीनीकरण और अन्य आधुनिक आदानों को आसानी से लागू किया जा सके। भूमि चकबंदी योजना के तहत किसान चकबंदी के लिए आसपास की जमीन की अदला-बदली या खरीद कर सकते हैं।


लैंड सीलिंग एक्ट ( भूमि की अधिकतम सीमा ) ने भूमि का समान वितरण करने और इष्टतम कृषि उत्पादन के लिए भूमि का कुशल उपयोग करने में मदत की।


1960 के दशक में सिंचित क्षेत्रों में संकर बीज और उर्वरक की शुरूआत ने कृषि उत्पादन में वृद्धि की है जिसे तथाकथित हरित क्रांति कहा जाता है।


ग्राम बैंक और सहकारी समितियों की स्थापना किसानों को कम ब्याज दरों पर ऋण सुविधा प्रदान करने में मदद करती है।


रेडियो और टेलीविजन पर किसानों के लिए विशेष मौसम बुलेटिन और कृषि कार्यक्रम शुरू किए गए, जिससे किसानों को कृषि क्षेत्रों में नवीनतम जानकारी प्राप्त करने में मदद मिली।

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