कछुआ और खरगोश की कहानी :
जब से कछुआ ने खरगोश से दौड़ में जीत गया था , तब से दोनों गहरे मित्र बन गए थे। एक समय की बात है , शीत ऋतु का समय था तथा धूप खिला हुआ था। दोनों सैर करने निकले, तभी एक खूंखार भेडिया रास्ते में मिला। भेड़िया का रंग काला था तथा उसके बड़े-बड़े आंख और दांत थे। वह दोनों का शिकार करना चाहता था। खरगोश ने भेड़िए के देखते ही तुरंत अपने मित्र कछुए को अपने पीठ पर बैठाया और तेजी से भाग कर दूर चला गया। भागते-भागते रास्ते में एक नदी मिली, कछुए ने अपने मित्र खरगोश को अपने पीठ पर लाद कर नदी को पार किया। दोनों ने नदी पार करके, नदी किनारे बैठकर मजे से गाजर खाया और आराम किया।
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