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वायु संहतियाँ ( राशियाँ ) एवं संबंधित मौसम गतिकी

  प्रश्न:

वायु संहतियाँ ( राशियाँ ) (Air Masses) एवं संबंधित मौसम गतिकी (Weather Dynamics) की व्याख्या कीजिए। वायु संहतियाँ ( राशियाँ ) किस प्रकार उत्तरी गोलार्द्ध के मौसम हालात को प्रभावित करती हैं?

(UPSC  भूगोल वैकल्पिक पेपर 1 2024)

उत्तर:

वायु राशियाँ  वायु का एक विशाल भाग होता है जिसकी क्षैतिज दिशा में तापमान, आर्द्रता तथा दाब जैसी विशेषताएँ लगभग एकसमान होती हैं। ये वायु राशियाँ सामान्यतः सैकड़ों से लेकर हजारों किलोमीटर तक विस्तृत होते हैं और ये अपने स्रोत क्षेत्र (source region) से गुण प्राप्त करते हैं — जैसे महासागर या मैदान।


वायु राशियाँ का वर्गीकरण:


आद्रता ( नमी ) के आधार पर:

  • स्थलीय (Continental – c): शुष्क, स्थल पर बने पिंड
  • समुद्री (Maritime – m): आर्द्र, समुद्र पर बने पिंड


तापमान के आधार पर:

  • उष्ण (Tropical – T): गर्म
  • ध्रुवीय (Polar – P): ठंडा
  • आर्कटिक (Arctic – A): अत्यधिक ठंडा (उच्च अक्षांशों में)


उदाहरण:

  • cP = Continental Polar (शुष्क और ठंडा)
  • mT = Maritime Tropical (गर्म और आर्द्र)


वायु राशियाँ से संबंधित मौसमीय गतिकी:

फ्रंटोजेनेसिस (Frontogenesis):

जब दो विपरीत गुणों वाले वायुपिंड मिलते हैं तो "फ्रंट" (शीत, उष्ण या मँडित) बनते हैं।

इन क्षेत्रों में बादल, वर्षा और तूफान जैसे तीव्र मौसमीय परिवर्तन होते हैं।


चक्रवातीय गतिविधि:

मध्य अक्षांशीय चक्रवात (Temperate Cyclones) विशेष रूप से cP और mT के मिलने से बनते हैं।

ये विस्तृत क्षेत्र में वर्षा, बादल और तापमान परिवर्तन लाते हैं।


गर्जन और संवहनात्मक वर्षा:

mT जैसे गर्म और आर्द्र वायुपिंड संवहन को बढ़ावा देते हैं, जिससे गरज-तूफान होते हैं।


ताप और शीत तरंगें:

जैसे ही cA (continental Arctic) वायुपिंड दक्षिण की ओर बढ़ता है, यह अचानक तापमान में गिरावट (शीत लहर) लाता है।


उत्तरी गोलार्द्ध के मौसम पर वायु राशियाँ का प्रभाव:


उत्तरी अमेरिका में:

मैक्सिको की खाड़ी से आने वाला mT और कनाडा से आने वाला cP/cA वायु राशियाँ मिलकर फ्रंटल सिस्टम और चक्रवात बनाते हैं।

सर्दियों में cA के दक्षिण की ओर बढ़ने से ठंडी लहरें आती हैं।


यूरोप में:

उत्तर अटलांटिक से आने वाला mP वायुपिंड ठंडा और आर्द्र मौसम लाता है।

mP और cT वायुपिंडों के बीच ध्रुवीय फ्रंट के कारण पश्चिमी यूरोप में तूफानी मार्ग बनते हैं।


एशिया में:

सर्दियों में साइबेरियाई उच्च दाब क्षेत्र से आने वाला cA वायुपिंड भारत और चीन में ठंडा व शुष्क मौसम लाता है।

ग्रीष्म ऋतु में mT वायुपिंड भारतीय महासागर से गर्म और आर्द्र हवा लाता है, जिससे मानसून बनता है।


निष्कर्ष:

वायु राशियाँ उत्तरी गोलार्द्ध के मौसमीय प्रतिरूपों के मुख्य नियंत्रक हैं। इनका आपसी संपर्क — विशेषकर फ्रंटों पर — चक्रवातीय गतिविधियों, वर्षा और तापमान में बदलाव को प्रभावित करता है। इनकी गतिकी को समझना मौसम पूर्वानुमान और जलवायु विश्लेषण के लिए अत्यंत आवश्यक है।

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