अध्याय 5: "भारत, अर्थात इंडिया" का सारांश (summary) | (कक्षा 6, सामाजिक विज्ञान, NEW NCERT)
भारत, अर्थात इंडिया:
- आज का भारत एक आधुनिक राष्ट्र है
- इसमें तय सीमाएँ, राज्य और ज्ञात जनसंख्या है।
- लेकिन यह पहले (500, 2000 या 5000 वर्ष पूर्व) बहुत अलग था।
- भारत को ऐतिहासिक रूप से ‘भारतीय उपमहाद्वीप’ कहा जाता है।
- समय के साथ इसके नाम और सीमाएँ बदलती रही हैं।
भारत के नाम कैसे पड़े?
ऋग्वेद में भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को ‘सप्त-सैंधव’ कहा गया है — अर्थात सात नदियों की भूमि। ‘सैंधव’ शब्द ‘सिंधु’ नदी से आया है।
‘भारत’ नाम ऋग्वेद में एक प्रमुख वैदिक जनसमूह के लिए आया है।
महाभारत में भारत के कई क्षेत्रों का वर्णन है: कश्मीर, कुरुक्षेत्र, बंगाल (वंग), असम (प्राग्ज्योतिष), केरल आदि।
विष्णु पुराण के अनुसार “जो भूमि समुद्र के उत्तर और हिमालय के दक्षिण में है, वही भारत है।”
भारत के अन्य नाम में ‘भारतवर्ष’ और ‘जम्बूद्वीप’ जैसे नाम भी है , जिसका उपयोग पूरे उपमहाद्वीप के लिए हुआ है ।
‘जम्बूद्वीप’ का अर्थ जम्बूद्वीप यानी जामुन वृक्षों वाला द्वीप। यह नाम सम्राट अशोक के शिलालेखों में भारत के लिए आया है (लगभग 250 ई.पू.)।
प्राचीन तमिल साहित्य में भारत की भौगोलिक समझ थी, उन्होंने दक्षिण के राजा को “केप कुमारी से हिमालय तक” राज्य की सीमा बताया था।
संविधान की प्रस्तावना में भारत को “India, that is Bharat” कहा गया है। हिंदी में इसे “भारत, अर्थात इंडिया” कहा गया।
भारत एक प्राचीन, विविधताओं से भरा, परंतु एकजुट राष्ट्र है। समय के साथ इसके कई नाम और सीमाएँ रहीं, पर आज यह एक परिभाषित, आधुनिक राष्ट्र के रूप में जाना जाता है — "भारत, अर्थात इंडिया।"
विदेशियों ने 'इंडिया' नाम कैसे रखा
फारसियों (ईरानियों) ने भारत को ‘हिंद’ नाम दिया। सिंधु शब्द का फारसी भाषा में रूपांतरण ‘हिंद’, ‘हिंदू’ या ‘हिंदु’ हो गया। यह केवल भौगोलिक शब्द था, इसका कोई धार्मिक अर्थ नहीं था।
यूनानियों ने फारसियों से 'हिंद' शब्द अपनाया, पर उनकी भाषा में 'ह' नहीं था। इसलिए उन्होंने भारत के लिए ‘इंडोई’ या ‘इंडिके’ नाम दिया।
प्राचीन चीनी ग्रंथों में भारत को ‘यिंतु’ या ‘यिंदू’ कहा गया, जो सिंधु से आया शब्द है। चीनियों ने भारत के लिए , एक और नाम ‘तियन्जू’ दिया , जिसका अर्थ “स्वर्ग के समान भूमि” माना गया — यह भारत के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
चीन के प्रसिद्ध यात्री ज़ुआनज़ैंग (Xuanzang) जिनका अन्य नाम ह्वेन त्सांग था , 7वीं सदी में भारत आए और यहाँ के बौद्ध ग्रंथों का अध्ययन करके 17 साल बाद उन्हें चीन ले गए। वहाँ उन्होंने उनका संस्कृत से चीनी में अनुवाद किया।
‘हिंदुस्तान’ शब्द की उत्पत्ति लगभग 1800 वर्ष पहले एक फारसी शिलालेख में पहली बार आया। बाद में भारत पर आक्रमण करने वालों ने पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के लिए इसका उपयोग किया।
‘अंग्रेज़ों ने यूनानी और फारसी स्रोतों के आधार पर भारत को इंडिया कहना शुरू किया। यह नाम आधुनिक समय में अंतरराष्ट्रीय रूप से उपयोग होने लगा।
भारत के नाम विभिन्न भाषाओं में
भाषा: भारत केनाम
फारसी: हिंद / हिंदु
यूनानी: इंडोई / इंडिके
चीनी: यिंतु / तियन्जू
अरबी व फारसी: हिंदुस्तान
अंग्रेज़ी: इंडिया
फ्रेंच: इन्दे (Inde)
संस्कृत: भारत / भारतवर्ष
भारत को अलग-अलग समय में, अलग-अलग विदेशी सभ्यताओं ने अलग-अलग नामों से पुकारा — जैसे हिंद, इंडोई, इंडिया, यिंतु, हिंदुस्तान। ये सभी नाम मूलतः सिंधु नदी या भूगोल से संबंधित थे और बाद में सांस्कृतिक, राजनीतिक पहचान का हिस्सा बन गए।
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