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चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग क्यों है?

 प्रश्न। 

 चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग क्यों है?

( NCERT class 12, अध्याय 8-निर्माण उद्योग , भारत लोग और अर्थव्यवस्था)

उत्तर। 

चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग है क्योंकि चीनी उद्योग के लिए गन्ना प्रमुख कच्चा माल है और गन्ना पूरे वर्ष उपलब्ध नहीं होता है। गन्ने की कटाई के समय ही चीनी मिलों का संचालन किया जा सकता है।

सामान्य तौर पर गन्ने का पकने का समय 12 से 18 महीने का होता है और यह किस्म और बुवाई के समय के आधार पर गन्ना अलग-अलग समय पर पकता है।

सामान्य तौर पर गन्ना जनवरी से मार्च तक लगाया जाता है और इसकी कटाई दिसंबर से मार्च तक की जाती है।

महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में गन्ना तीन अलग-अलग मौसमों-जून से अगस्त, अक्टूबर से नवंबर और जनवरी से फरवरी में लगाया जाता है।

भारत में सूती वस्त्र उद्योग के बाद चीनी उद्योग दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कृषि आधारित उद्योग है। भारत दुनिया में गन्ना और चीनी दोनों का सबसे बड़ा उत्पादक है और यह दुनिया में कुल गन्ना उत्पादन का 8 प्रतिशत हिस्सा है। 

भारत में चीनी उद्योग लगभग 8 लाख से अधिक व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रूप से और बड़ी संख्या में किसानों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करते हैं।

गन्ना एक अशुद्ध कच्चा मॉल है जिसका निर्माण के प्रकिया में वजन घटता हैंऔर इसे कटाई के 24 घंटे के भीतर संसाधित करने की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि भारत में अधिकांश चीनी मिलें चीनी उगाने वाले क्षेत्रों के पास स्थित हैं और यहाँ तक कि ब्रिटिश काल में भी चीनी उद्योग समृद्ध हुए थे।

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