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भारत के लंबी तटरेखा के क्या प्रभाव हैं?

 प्रश्न। 

भारत की लंबी तटरेखा के क्या प्रभाव है? 

(अध्याय -1 भारत - स्थिति , कक्षा 11 NCERT भूगोल "भारत भौतिक पर्यावरण")

उत्तर। 

भारत के पास एक लम्बी समुद्र तट हैं। भारत की मुख्य भूमि का समुद्र तट लगभग 6100 किमी है; मुख्य भूमि के साथ-साथ लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का तट लगभग 7517 किमी है। भारत की लंबी तटरेखा देश की एक संपत्ति है, भारत की लंबी तटरेखा होने के निम्नलिखित सकारात्मक प्रभाव हैं:


आर्थिक लाभ:

लंबी तटरेखाएं समुद्री व्यापार और समुद्री संसाधनों तक पहुंच प्रदान करती हैं। लंबी तटरेखा मछली पकड़ने, व्यापार के लिए बंदरगाह उपलब्धता, अपतटीय पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, समुद्री नमक के स्रोत आदि जैसे बड़े आर्थिक अवसर प्रदान करती है। लंबी समुंद्री तट के कारण लाखों रोजगार उत्पन्न होते हैं। तटरेखा वाले राज्य गैर-तटीय राज्यों की तुलना में अधिक समृद्ध हैं क्योंकि पत्तन -अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के प्रवेश द्वार हैं।


रक्षा और सामरिक लाभ

समुद्र में अन्य देशों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बड़े समुद्र तट भारत के लिए एक रणनीतिक स्थान प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की रणनीतिक स्थिति भारत को हिंद महासागर के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी में चीन की गतिविधियों की निगरानी करने के लिए प्रदान करती है। लंबी तटरेखाएँ भूमि की सीमाओं की तुलना में अधिक सुरक्षित होती हैं क्योंकि भूमि की तुलना में समुद्र पर निगरानी करना आसान होता है।


क्षेत्रीय विस्तार लाभ:

समुद्र के अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार, तटीय देशों की अधिकार क्षेत्रीय सीमा तट से समुद्र की ओर 12 समुद्री मील (लगभग 22 किमी) तक होती है। इसका मतलब है कि समुद्र तट जितना बड़ा होगा, देश के क्षेत्र उतने ही बड़े होंगे।


पर्यावरण सौंदर्य और पर्यटन स्थल:

द्वीपों और लंबी तटरेखाओं ने पर्यटन के लिए कई सुन्दर दृश्य प्रदान करता है जो घरेलू और विदेशी दोनों पर्यटकों को आकर्षित करती है। यह लाखों स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करता है।


समुद्री खनिजों और पॉलीमेटेलिक नोड्यूल तक पहुंच:

गहरे समुद्र में रसातल मैदानी क्षेत्रों में पॉलीमेटेलिक नोड्यूल पाए जाते हैं। भारत की लंबी तटरेखा होने के कारण भारत को गहरे समुद्र में इसे खनन करने का अधिकार मिला हुआ हैं।


जलवायु :

लम्बी समुद्री तट भारत की अधिकांश क्षेत्र के जलवायु को सुखद बनाता हैं।  जो क्षेत्र समुन्द्र से दूर है जैसे राजस्थान का क्षेत्र , पंजाब और हरियाणा के क्षेत्र वह ठंडी के मौसम में बहुत ठण्ड पड़ती है और गर्मी के दिनों में अधिक गर्मी पड़ती है।


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