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स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना

 स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना के बारे में:

स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की नींव 1999 में प्रधान मंत्री (अटल बिहारी वाजपेयी) द्वारा रखी गई थी।

स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना छह लेन की सुपर हाईवे परियोजना थी जिसे सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इस परियोजना के दो भाग हैं।

पहला भारत के चार प्रमुख महानगरों - नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को जोड़ना था।

दूसरा था- उत्तर-दक्षिण गलियारा और पूर्व-पश्चिम गलियारा। उत्तर-दक्षिण गलियारा श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) को कन्याकुमारी (तमिलनाडु) से जोड़ता है। पूर्व-पश्चिम गलियारा सिलचर (असम) और पोरबंदर (गुजरात) को जोड़ता है।

स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा कार्यान्वित किया गया है।


भारत की अर्थव्यवस्था पर "स्वर्ण चतुर्भुज परियोजना" का प्रभाव:

यह परियोजना समय, माल के प्रवाह की लागत, लोगों की आवाजाही की लागत , और भारत के महानगरों के बीच की दूरी को कम करता है।

स्वर्णिम चतुर्भुज नेटवर्क के पास स्थित जिले में विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ाती है।

स्वर्णिम चतुर्भुज नेटवर्क ने विनिर्माण गतिविधियों  के साथ-साथ शहरीकरण का विस्तार किया है जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक बड़ा बढ़ावा दिया।

यह न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि भारत के चारों छोर के लोगों के एकीकरण में मदद करता है।


Try to solve the following questions:

  • भारत की अर्थव्यवस्था पर "स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना" के प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए। ( 60-62nd BPSC geography)


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