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उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं?

 प्रश्न।   

उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं?

( अध्याय - 6 विनिर्माण उद्योग , कक्षा  X NCERT समकालीन भारत-2 )

उत्तर।

उद्योग देश और समाज के विकास में बहुत योगदान करते हैं, लेकिन ज्यादातर हमारे पर्यावरण को प्रदूषित करके नुकसान पहुंचाते है। 

उद्योग पर्यावरण के हर घटक को प्रदूषित करते हैं। उद्योग चार प्रकार के पर्यावरण प्रदूषण मुख्यतः वायु, जल, मृदा, और ध्वनि प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं।


वायु प्रदुषण:

वातावरण में अवांछित गैसों का उच्च अनुपात वायु प्रदूषण बनाता है। उद्योग निम्न प्रकार से वायु को प्रदूषित करते हैं:

रासायनिक उद्योग, कागज उद्योग, ईंट भट्टों, रिफाइनरियों और प्रगलन संयंत्रों से धुआं निकलता है। धुआं  वायु को प्रदूषित करता है। 

थर्मल पावर प्लांट कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रस ऑक्साइड का उत्सर्जन करते हैं।

सीमेंट उद्योग वातावरण में धूल और सूक्ष्म कणों को मिलाते हैं।

वायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य, पशु, पौधों, भवन और पर्यावरण के जैविक और अजैविक दोनों घटकों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।


जल प्रदूषण:

उद्योग निम्न प्रकार से जल को प्रदूषित करते हैं:

कागज, लुगदी, रसायन, कपड़ा और रंगाई, पेट्रोलियम रिफाइनरियों, टेनरियों और इलेक्ट्रोप्लेटिंग उद्योग जल निकायों में जैविक और अकार्बनिक औद्योगिक कचरे का उत्सर्जन करते हैं और जल प्रदूषण करते हैं।

डिटर्जेंट, एसिड, लवण, सीसा, पारा, कीटनाशक, उर्वरक, कार्बन, प्लास्टिक और रबर के साथ सिंथेटिक रसायन उद्योगों के प्रमुख प्रदूषक हैं जो जल निकायों को प्रदूषित करते हैं।

थर्मल पावर प्लांट और सीमेंट उद्योग वायुमंडल में फ्लाई ऐश का उत्सर्जन करते हैं जो जल निकायों को प्रदूषित करते हैं।

लोहा और इस्पात संयंत्रों से निकलने वाले लोहे और इस्पात के धातुमल भी जल निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रदूषक हैं।

उद्योग ऊष्मीय प्रदूषण के द्वारा जल निकायों  को प्रदूषित करता हैं। जल निकायों में ऊष्मीय प्रदूषण तब होता है जब उद्योगों से गर्म पानी ठंडा होने से पहले नदियों और तालाबों में चला जाता है, जिसके परिणामस्वरूप यह जलीय जीवों के लिए एक झटका होता है।


ध्वनि प्रदूषण:

उद्योग निम्न प्रकार से ध्वनि प्रदूषण करते हैं:

शोर पर्यावरण में अवांछित ध्वनि है।

औद्योगिक प्रसंस्करण, निर्माण, मशीनरी, कारखाने के उपकरण, जनरेटर और इलेक्ट्रिक ड्रिल पर्यावरण में बहुत शोर करते हैं।

ध्वनि प्रदूषण के कारण चिड़चिड़ापन, गुस्सा, सुनने की क्षमता में कमी, हृदय गति में वृद्धि और रक्तचाप होता है।



जमीन ( मृदा ) प्रदुषण:

भूमि पर औद्योगिक कचरे की डंपिंग से भूमि और मिट्टी प्रदूषण होता है।


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