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मीनू के व्यवहार के लिए क्या संभावित स्पष्टीकरण दिए जा सकते हैं? मनोवैज्ञानिक तौर पर औचित्य सिद्ध कीजिए। | UPPSC General Studies 4 Mains ETHICS Solutions 2019

    प्रश्न ।

मीनू सदैव अपनी सहेलियों को यह बताती रहती है कि उसे समाज सेवा से बहुत लगाव है। उसकी सहेलियों ने पाया कि वह किसी भी समाज कल्याण क्रियाकलापों में सहभागिता नहीं करती। उसकी एक सहेली के पिता एक गैर सरकारी संगठन ( एनजी.) से संबंध है तथा वह समाज के गरीब वर्गों के लिए निस्तर समाज कल्याण क्रियाकलाप जैसे मुक्त कपड़े एवं दवाइयों का वितरण आयोजित करते रहते हैं। मीनू के सहेली ने कई बार एन.जी.के लिए समय देने के लिए कहा पर मीनू इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। मीनू के व्यवहार के लिए क्या संभावित स्पष्टीकरण दिए जा सकते हैंमनोवैज्ञानिक तौर पर औचित्य सिद्ध कीजिए।  (UPPSC 2019)

उत्तर।

उपरोक्त-दिए गए संदर्भ में, निम्नलिखित संभावित स्पष्टीकरण मीनू के आचरण के लिए दिए जा सकते हैं-


अन्य लक्ष्यों के वरीयता: मीनू को सामाजिक कल्याण गतिविधियों में भाग लेने की इच्छा हो सकती है, लेकिन वह अभी फ़िलहाल अन्य लक्ष्य को प्राप्त करना चाहती होगी जैसे कि आईएएस बनना या किसी विशेष परीक्षा को पास करना।  इसलिए वह सामाजिक सेवाओं के लिए समय समायोजित नहीं कर पा रही होगी , जब वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी तो वह बाद में सामाजिक कल्याण गतिविधियों में शामिल हो सकती है।


सामाजिक भय या एक सार्थक प्रभाव बनाने का डर; मीनू सामाजिक कल्याण गतिविधियों में भाग लेने से इस लिए बचती होगी क्योंकि वह विफलता से डरती होगी या उसे संदेह होगा की वह समाज में एक सार्थक प्रभाव डालने में सफल होगी की नहीं।


अपने स्वयं के सकारात्मक मूल्यों को पेश करने की अतिशयोक्ति का सहारा ले सकती है - मीनू वास्तव में सामाजिक सेवाओं में दिलचस्प नहीं होगा, लेकिन वह दोस्तों के साथ अपना सकारात्मक सामाजिक व्यवहार पेश करने के लिए यह बताती रहती है कि उसे समाज सेवा से बहुत लगाव है।


सहानुभूति की कमी; मीनू में समाज के गरीब और वंचित वर्गों के प्रति सहानुभूति की कमी हो सकती है और उनकी मदद करने के लिए मजबूर महसूस नहीं कर रही होगी। 



अंत में, उपर्युक्त स्पष्टीकरण मीनू के व्यवहार को समझने के लिए कुछ मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य प्रदान दिए गए हैं। हालांकि, इसके लिए कई कारण हो सकते हैं जिससे व्यक्ति सामाजिक कल्याण गतिविधियों में भाग लेने से बचते हैं।



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