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घूर्णन एवं परिक्रमण को परिभाषित करें। | कक्षा 6-पृथ्वी हमारा आवास (भूगोल) , सामाजिक विज्ञान

 प्रश्न। 

घूर्णन एवं परिक्रमण को परिभाषित करें। 

( अध्याय 3: पृथ्वी की गतियां , कक्षा 6-पृथ्वी हमारा आवास (भूगोल) , सामाजिक विज्ञान )

उत्तर। 

पृथ्वी सूर्य का तीसरा निकटतम ग्रह है और हमारे सौर मंडल का पांचवां सबसे बड़ा ग्रह है। पृथ्वी की गति दो प्रकार की होती है- घूर्णन और परिक्रमण।


घूर्णन:

घूर्णन से तात्पर्य किसी वस्तु के अपनी धुरी पर घूमने या घूमने से है। पृथ्वी के संदर्भ में, घूर्णन अपनी धुरी के चारों ओर पृथ्वी की गति है।

पृथ्वी को अपनी धुरी पर एक चक्कर लगाने में लगभग 24 घंटे लगते हैं और इस अवधि को पृथ्वी दिवस ( एक दिन ) के रूप में जाना जाता है। घूर्णन पृथ्वी की दैनिक गति है।

पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण ही पृथ्वी पर दिन और रात होते हैं।


परिक्रमण:

खगोलीय पिंडों के संदर्भ में परिक्रमण, किसी वस्तु की किसी अन्य वस्तु के चारों ओर कक्षीय गति को संदर्भित करती है।

पृथ्वी के सन्दर्भ में सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की गति को परिक्रमण कहते हैं। सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की गति एक निश्चित पथ पर होती है जिसे कक्षा कहते हैं।

पृथ्वी लगभग हर 365.25 दिन में सूर्य के चारों ओर एक पूर्ण परिक्रमा पूरी करती है, जो एक वर्ष को परिभाषित करती है।

पृथ्वी की कक्षा लम्बी अण्डाकार आकृति में है। पूरी कक्षा में पृथ्वी एक ही दिशा में झुकी हुई है।

पृथ्वी की परिक्रमण  गति के कारण मौसम बदलता है क्योंकि सूर्य के सापेक्ष पृथ्वी की स्थिति पूरे वर्ष परिक्रमण के कारण बदलती रहती है।


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