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उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक विकास में खनिजों के महत्व का विश्लेषण करें। | UPPSC General Studies-VI (6) Mains Solutions 2023

    प्रश्न। 

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक विकास में खनिजों के महत्व का विश्लेषण करें।

 (UPPSC Mains General Studies-VI/GS-6 2023 Solutions)

उत्तर। 

उत्तर प्रदेश के बुंडेलखंड क्षेत्र के बारे में:

बुंदेलखंड क्षेत्र दो राज्यों में स्थित है: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश।

इस क्षेत्र में आर्कियन रॉक सिस्टम (आर्कियन गनीस और विद्वान) शामिल हैं। यह लगभग 4 बिलियन साल पुराना है और कैम्ब्रियन सिस्टम से पहले गठित हुआ था। इसीलिए, यह खनिज-समृद्ध है। इसमें खनिज-आधारित उद्योगों और सौर ऊर्जा के लिए भी बड़ी क्षमता है।

यह क्षेत्र एक गर्म और अर्ध-नम क्षेत्र है।

यह क्षेत्र पश्चिम में बेटवा नदी, उत्तर में यमुना और पूर्व में केन नदी से घिरा हुआ है।


उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में 7 जिले शामिल हैं: ललितपुर, झांसी, जालाुन, हमीरपुर, महोबा, बांदा, और चित्रकूट।


निम्नलिखित कारणों से उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक विकास में खनिज महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:


औद्योगिक विकास के लिए कच्चे माल:

बुंदेलखंड क्षेत्र खनिज संसाधनों जैसे कि चूना पत्थर, ग्रेनाइट, संगमरमर, डोलोमाइट, कांच की रेत और रॉक फॉस्फेट में समृद्ध है।


ये खनिज विभिन्न उद्योगों जैसे उर्वरक, सीमेंट, निर्माण, सिरेमिक, आदि के लिए कच्चे माल के रूप में काम करते हैं, ये क्षेत्र में आर्थिक विकास में मदद करते हैं।


रॉक फॉस्फेट (ललितपुर): यह उर्वरक उद्योग का प्रमुख कच्चा माल है।

डायस्पोर (ललितपुर, झांसी, और महोबा): देश के 15 % डायस्पोर के भंडार इन तीन जिलों में पाए जाते हैं। इसका उपयोग रिफ्रैक्टरी उद्योग में किया जाता है।

सिलिका या ग्लास रेत (चित्रकूट और प्रार्थनाग्राज): इसका उपयोग ग्लास निर्माण के लिए किया जाता है।

चूना पत्थर, मिट्टी और जिप्सम (झांसी): इनका उपयोग सीमेंट उद्योग में किया जाता है।

ग्रेनाइट (बांदा और ललितपुर): इसका उपयोग टाइल बनाने और निर्माण उद्योग के लिए किया जाता है।

बॉक्साइट (चित्रकूट): इसका उपयोग एल्यूमीनियम उद्योग के लिए किया जाता है।

कॉपर (ललितपुर): इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक और गहने उद्योगों में उपयोग किया जाता है।

यूरेनियम (ललितपुर): इसका उपयोग परमाणु रिएक्टरों में ईंधन के रूप में किया जाता है।


बुनियादी ढांचे का विकास:

उद्योगों को सड़कों और रेलवे जैसे परिवहन नेटवर्क तक पहुंचने, प्रक्रिया और परिवहन खनिजों तक पहुंच की आवश्यकता होती है। इसलिए, यह क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देता है।

बुनियादी ढांचे में निवेश कनेक्टिविटी को बढ़ाता है और औद्योगिक गतिविधियों और विकास की सुविधा देता है।


रोजगार सृजन:

बुंदेलखंड क्षेत्र में खनन और खनिज-आधारित उद्योग स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करते हैं और सामाजिक-आर्थिक उत्थान में उत्थान में मदद करते हैं।


उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक विकास में खनिजों का महत्व उनकी पूरी क्षमता का दोहन करने और दीर्घकालिक समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।


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