प्रश्न:
इतिहास को समझने के लिए विभिन्न स्रोत हमारी किस प्रकार सहायता कर सकते हैं?
(कक्षा 6, सामाजिक विज्ञान, अध्याय‑4: इतिहास की समय रेखा एवं उसके स्रोत्र)
उत्तर:
इतिहास को समझने के लिए वह सभी जानकारी और साक्ष्य जरूरी होते हैं जो अतीत में कैसे जीवन चलता था इसको स्पष्ट करें। इन साक्ष्यों को इतिहास स्रोत कहा जाता है।
मुख्य इतिहास स्रोत और उनकी उपयोगिता:
1. मौखिक स्रोत (वंशावली, लोक साहित्य) –
उदाहरण: पृथ्वीराज रासो से पृथ्वीराज चौहान के बारे में जानकारी मिलती है।
महत्व: लोकगीतों और गाथाओं से प्राचीन राजा-रानियों, युद्धों व परंपराओं की जानकारी मिलती है।
2. शिलालेख (पांडुलिपियाँ, ताम्रपत्र, सिक्के) –
उदाहरण: अशोक के शिलालेख से उसके धम्म नीति की जानकारी मिलती है।
महत्व: राजाओं की नीतियाँ, आदेश, विजय और धार्मिक सोच को समझा जा सकता है।
3. भारतीय साहित्य (वेद, कविता, नाटक, इतिहास) –
उदाहरण: ऋग्वेद से वैदिक समाज की जानकारी मिलती है।
महत्व: धर्म, शिक्षा, भाषा और जीवनशैली के बारे में जानकारी मिलती है।
4. वैज्ञानिक एवं तकनीकी लेख –
उदाहरण: आर्यभट्टीयम् ग्रंथ से प्राचीन खगोलशास्त्र और गणितीय ज्ञान का पता चलता है।
महत्व: यह दिखाता है कि भारत में विज्ञान और तकनीक का विकास कितना उन्नत था।
5. विदेशी विवरण (यात्रा वृत्तांत, ऐतिहासिक लेख) –
उदाहरण: फाह्यान ने गुप्तकालीन भारत की प्रशंसा की और समाज का वर्णन किया।
महत्व: भारत के बारे में बाहरी दृष्टिकोण से जानकारी मिलती है — जैसे शिक्षा, धर्म, नियम।
6. कलात्मक स्रोत (चित्रकला, मूर्तिकला, पट्टिका) –
उदाहरण: अजंता की चित्रकला से बौद्ध धर्म और प्राचीन जीवन का चित्रण मिलता है।
महत्व: प्राचीन संस्कृति, परिधान, रीति-रिवाज और त्योहारों की झलक मिलती है।
7. उत्खनन (अवशेष, औज़ार, मूर्तियाँ, आभूषण) –
उदाहरण: हड़प्पा सभ्यता में खुदाई से मिले मिट्टी के खिलौने व चाकू।
महत्व: इससे जीवनशैली, शिल्प, भोजन, रहन-सहन और बच्चों की गतिविधियाँ समझ आती हैं।
8. संरचना (स्मारक, टीला) –
उदाहरण: कुतुब मीनार और सांची स्तूप जैसे स्मारकों से तत्कालीन वास्तुकला का ज्ञान होता है।
महत्व: धार्मिक विश्वास, वास्तु कला, कला शैली और तत्कालीन शासन की झलक मिलती है।
ये सभी स्रोत मिलकर इतिहास को समझने में मदद करते हैं — कि लोग कैसे रहते थे, क्या सोचते थे और समाज कैसे विकसित हुआ।
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