1. बौद्ध मत के संस्थापक कौन थे?
क) महावीर
ख) अशोक
ग) सिद्धार्थ गौतम
घ) चाणक्य
उत्तर: ग) सिद्धार्थ गौतम
सिद्धार्थ गौतम, जिन्हें बाद में 'बुद्ध' कहा गया, बौद्ध मत के संस्थापक थे।
2. सिद्धार्थ गौतम का जन्म कहाँ हुआ था?
क) वैशाली
ख) बोधगया
ग) लुंबिनी
घ) सारनाथ
उत्तर: ग) लुंबिनी
लगभग 560 ईसा पूर्व सिद्धार्थ गौतम का जन्म लुंबिनी (वर्तमान नेपाल) में हुआ।
3. सिद्धार्थ गौतम को ज्ञान कहाँ प्राप्त हुआ?
क) लुंबिनी में
ख) बोधगया में
ग) सारनाथ में
घ) कुशीनगर में
उत्तर: ख) बोधगया में
बिहार के बोधगया में पीपल के वृक्ष के नीचे ध्यान करते हुए उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ।
4. बुद्ध के अनुसार दुखों के मुख्य कारण क्या हैं?
क) क्रोध और लालच
ख) अविद्या और मोह
ग) हिंसा और युद्ध
घ) धन और सत्ता
उत्तर: ख) अविद्या और मोह
बुद्ध ने बताया कि अज्ञान (अविद्या) और आसक्ति (मोह) दुखों के मूल कारण हैं।
5. जैन शब्द किससे निकला है और उसका अर्थ क्या है?
क) जिन — विजय पाने वाला
ख) जीवन — जीने की कला
ग) ज्ञान — जानने वाला
घ) जन — जनता का हितैषी
उत्तर: क) जिन — विजय पाने वाला
'जैन' शब्द 'जिन' से निकला है, जिसका अर्थ है अविद्या और मोह पर विजय पाने वाला।
6. महावीर को अनंत ज्ञान कितने वर्षों की साधना के बाद प्राप्त हुआ?
क) 10 वर्ष
ख) 12 वर्ष
ग) 14 वर्ष
घ) 16 वर्ष
उत्तर: ख) 12 वर्ष
30 वर्ष की आयु में गृहत्याग करने के बाद महावीर ने 12 वर्षों की कठिन साधना की, जिसके बाद उन्हें अनंत ज्ञान मिला।
7. जैन मत का "अनेकांतवाद" सिद्धांत क्या बताता है?
क) सत्य केवल एक दृष्टिकोण से जाना जा सकता है
ख) सत्य के अनेक पक्ष होते हैं
ग) केवल महावीर का विचार सत्य है
घ) भौतिक वस्तुओं से दूरी रखना
उत्तर: ख) सत्य के अनेक पक्ष होते हैं
अनेकांतवाद के अनुसार सत्य के कई पहलू होते हैं और एक ही दृष्टिकोण से पूरी तरह नहीं समझा जा सकता।
8. जातक कथाओं का मुख्य उद्देश्य क्या है?
क) युद्ध की महिमा बताना
ख) बौद्ध आदर्शों को सरल ढंग से व्यक्त करना
ग) देवताओं की पूजा करना
घ) व्यापार सिखाना
उत्तर: ख) बौद्ध आदर्शों को सरल ढंग से व्यक्त करना
जातक कथाएँ बुद्ध के पूर्व जन्मों की कहानियाँ हैं, जो सरल तरीके से बौद्ध मूल्यों को सिखाती हैं।
9. वानर-राज की जातक कथा हमें क्या सिखाती है?
क) राजा को वानरों से दूर रहना चाहिए
ख) निःस्वार्थ बलिदान और दूसरों की रक्षा का महत्व
ग) नदी पार करने के तरीके
घ) फल खाने के फायदे
उत्तर: ख) निःस्वार्थ बलिदान और दूसरों की रक्षा का महत्व
वानर-राज ने अपने शरीर को पुल बनाकर साथियों की रक्षा की, जो निःस्वार्थ सेवा का उदाहरण है।
10. जैन कथा में रोहिनेय को किसने सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया?
क) राजा के सैनिक
ख) महावीर के उपदेश
ग) मंत्री की साजिश
घ) भिक्षुओं का समूह
उत्तर: ख) महावीर के उपदेश
रोहिनेय ने महावीर के कुछ शब्द सुने, जो बाद में उसे अपने अपराधों पर पछतावा करने और भिक्षु बनने के लिए प्रेरित करते हैं।
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