प्रश्न :
भारत के परिप्रेक्ष्य में हमें त्रिस्तरीय सरकार की आवश्यकता क्यों है?
(अध्याय 10 : आधारभूत लोकतंत्र — भाग 1: शासन , कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान NEW NCERT )
उत्तर।
भारत में शासन तीन स्तरों पर चलता है। इसे त्रिस्तरीय सरकार कहते हैं। ये स्तर इस प्रकार हैं—
स्थानीय स्तर (Local Government):
स्थानीय स्तर में ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगरपालिका, नगर निगम आदि इसमें आते हैं।
मुख्य कार्य: सड़क, पानी, स्वच्छता, स्ट्रीट लाइट, कचरा प्रबंधन, स्थानीय विद्यालयों और छोटी स्वास्थ्य सेवाओं की देखरेख।
राज्य स्तर (State Government):
प्रत्येक राज्य में अपनी सरकार होती है।
इसमें राज्यपाल (औपचारिक प्रमुख), मुख्यमंत्री और मंत्रीमंडल, विधानसभा/विधान परिषद तथा उच्च न्यायालय शामिल होते हैं।
मुख्य कार्य: शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कानून-व्यवस्था, पुलिस, सिंचाई, परिवहन जैसी जिम्मेदारियाँ।
राष्ट्रीय स्तर (Central/National Government):
जो पूरे देश की सरकार होती है उसे केंद्र सरकार या राष्ट्रीय सरकार कहते है।
इसमें राष्ट्रपति (औपचारिक प्रमुख), प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद, संसद (लोकसभा व राज्यसभा) तथा सर्वोच्च न्यायालय शामिल हैं।
मुख्य कार्य: रक्षा, विदेश नीति, मुद्रा, संचार, रेलवे, राष्ट्रीय नीतियाँ, परमाणु ऊर्जा और आपदा प्रबंधन।
भारत एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है। यहाँ की भौगोलिक परिस्थितियाँ, भाषाएँ, रीति-रिवाज, समस्याएँ और आवश्यकताएँ क्षेत्र-विशेष के अनुसार भिन्न-भिन्न हैं।
केवल एक ही स्तर की सरकार पूरे देश की सभी समस्याओं और आवश्यकताओं को कुशलतापूर्वक हल नहीं कर सकती।
इसी कारण भारत में त्रिस्तरीय सरकार व्यवस्था बनाई गई है।
त्रिस्तरीय सरकार की आवश्यकता:
स्थानीय समस्याओं का समाधान:
गाँव या नगर स्तर पर सड़क, पानी, कूड़ा-प्रबंधन, नालियाँ, छोटी आपदाएँ जैसी समस्याएँ स्थानीय सरकार (पंचायत/नगरपालिका) द्वारा बेहतर ढंग से हल की जाती हैं।
यदि ये कार्य केंद्र या राज्य सरकार पर छोड़ दिए जाएँ तो उनका त्वरित और प्रभावी समाधान संभव नहीं होगा।
राज्य स्तर की विशेष जिम्मेदारियाँ:
शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था, सिंचाई, परिवहन जैसी समस्याएँ राज्य सरकार स्तर पर संभाली जाती हैं।
यह व्यवस्था राज्यों को अपनी परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुसार योजनाएँ बनाने और लागू करने की स्वतंत्रता देती है।
राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारियाँ:
रक्षा, विदेश नीति, मुद्रा, संचार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन जैसी बड़ी और पूरे देश को प्रभावित करने वाली जिम्मेदारियाँ केंद्र सरकार संभालती है।
इन कार्यों के लिए पूरे देश का सहयोग और एक समान नीति की आवश्यकता होती है।
जनभागीदारी और लोकतंत्र की मजबूती:
त्रिस्तरीय सरकार से नागरिकों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक भागीदारी का अवसर मिलता है।
लोग अपने क्षेत्र की समस्याओं को स्थानीय प्रतिनिधियों के माध्यम से सीधे सरकार तक पहुँचा सकते हैं।
समान विकास और दक्षता:
विभिन्न स्तरों पर सरकारें अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाकर संसाधनों का बेहतर उपयोग करती हैं।
इससे कार्यों का बोझ बाँटा जाता है और योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से होता है।
भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में त्रिस्तरीय सरकार की व्यवस्था आवश्यक है। इससे स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग जिम्मेदारियों का संतुलित बँटवारा होता है। यह व्यवस्था न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाती है बल्कि लोकतंत्र को भी मजबूत बनाती है क्योंकि इससे लोगों को शासन में अधिक प्रत्यक्ष भागीदारी मिलती है।
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