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विद्यालय के सामने सड़क सुरक्षा समस्या और पंचायत की भूमिका | अध्याय 11 : आधारभूत लोकतंत्र — भाग 2-ग्रामीण क्षेत्रों में स्‍थानीय सरकार

  प्रश्न :

मान लीजिए, आप एक गाँव के विद्यालय में पढ़ते हैं। विद्यालय राजमार्ग पर है तथा विद्यार्थियों को विद्यालय आते-जाते समय सड़क पार करने में कठिनाई होती है। इस समस्‍या के समाधानों के विकल्प क्‍या -क्‍या हो सकते हैं ? इसमें पंचायती राज की कौन-सी संस्‍थाएँ आपकी मदद कर सकती है? विद्यार्थी इसमें क्‍या कर सकते हैं?

( अध्याय 11 : आधारभूत लोकतंत्र — भाग 2-ग्रामीण क्षेत्रों में स्‍थानीय सरकार, कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान NEW NCERT )


उत्तर। 

यदि विद्यालय राजमार्ग पर है तथा विद्यार्थियों को विद्यालय आते-जाते समय सड़क पार करने में कठिनाई होती है, तो इस समस्या के समाधान के विकल्प निम्न लिखित है -

  • सड़क पर ज़ेब्रा क्रॉसिंग या फुटओवर ब्रिज बनवाया जाए।
  • विद्यालय के सामने स्पीड-ब्रेकर (गति-रोधी अवरोधक) लगाए जाएँ।
  • यातायात पुलिस की सहायता ली जाए ताकि व्यस्त समय में विद्यार्थियों को सड़क पार कराने में मदद मिले।
  • सड़क के किनारे चेतावनी बोर्ड लगाए जाएँ, जैसे – "धीरे चलें, विद्यालय क्षेत्र है।"



पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका:

  • यह समस्या स्थानीय स्तर का है और ग्राम पंचायत तत्काल समाधान सुझा सकती है।
  • सबसे पहले , इस समस्या को ग्राम पंचायत के बैठक में रख कर चर्चा करेंगे। 
  • क्योकि यह राजमार्ग से जुड़ा मामला है तो यह जिला परिषद स्तर से कार्य होगा, इस लिए इस समस्या को लिखित रूप से ग्राम पंचायत से जिला परिषद् में भेजा जायेगा। 
  •  पंचायत समिति (खंड स्तर) – सड़क पर स्पीड-ब्रेकिंग या ज़ेब्रा क्रॉसिंग बनाने का प्रस्ताव संबंधित विभाग तक पहुँचाती है।
  • जिला परिषद – यातायात विभाग और लोक निर्माण विभाग (PWD) से समन्वय कर सड़क सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को लागू कर सकते है।



विद्यार्थियों की भूमिका:

इस समस्या के लिए विद्यार्थियों की भूमिका निम्न लिखित है -

  • विद्यार्थी सामूहिक रूप से प्रधान और पंचायत समिति के सदस्यों को लिखित आवेदन दे सकते है।
  • बाल सभा या विद्यालय प्रबंधन समिति में विद्यार्थियों को यह मुद्दा उठाना चाहिए।
  • विद्यार्थी सभी बच्चों को , यातायात नियमों का पालन करना और दूसरों को भी सुरक्षित ढंग से सड़क पार करने के लिए जागरूक कर सकते है।
  • सभी विद्यार्थी अभियान चलाकर गाँव के लोगों को इस समस्या की गंभीरता से अवगत करा सकते है।


निष्कर्ष:

इस समस्या का समाधान केवल सरकार या प्रशासन से अपेक्षित नहीं है, बल्कि ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद की मदद से सामूहिक प्रयासों द्वारा किया जा सकता है। विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी भी इसमें बहुत महत्वपूर्ण है।

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