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द्वितीयक क्षेत्रक किस प्रकार से तृतीयक क्षेत्रक पर निर्भर है ? उदाहरणों द्वारा समझाइए।

 प्रश्न :

 द्वितीयक क्षेत्रक किस प्रकार से तृतीयक क्षेत्रक पर निर्भर है ? उदाहरणों द्वारा समझाइए।

( अध्याय 14 :  हमारे आस-पास की आर्थिक गतिविधियाँ, कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान NEW NCERT )

उत्तर।

द्वितीयक क्षेत्रक किस प्रकार से तृतीयक क्षेत्रक पर निर्भर है ? उदाहरणों द्वारा समझाइए।



द्वितीयक क्षेत्रक:

यह क्षेत्रक कच्चे माल (प्राथमिक क्षेत्रक से प्राप्त) को नई वस्तुओं में परिवर्तित करता है।

इसमें उद्योग, प्रसंस्करण व निर्माण कार्य आते हैं।


तृतीयक क्षेत्रक:

यह क्षेत्रक वस्तुओं का उत्पादन नहीं करता, बल्कि सेवाएँ प्रदान करता है।

जैसे – परिवहन, बैंकिंग, बीमा, विपणन, संचार, भंडारण आदि।


 द्वितीयक क्षेत्रक का तृतीयक क्षेत्रक पर निर्भरता (Dependence):

द्वितीयक क्षेत्रक को अपनी वस्तुओं के निर्माण, वितरण और बिक्री के लिए तृतीयक क्षेत्रक की सेवाओं की आवश्यकता होती है। जैसे -

  • परिवहन सेवा से कच्चा माल कारखानों तक जाता है और तैयार वस्तुएँ बाज़ार तक पहुँचती हैं।
  • बैंकिंग व बीमा सेवाएँ उद्योग को ऋण, पूँजी और सुरक्षा प्रदान करती हैं।
  • विपणन व विज्ञापन सेवाएँ उत्पादों को उपभोक्ता तक पहुँचाती हैं।
  • संचार सेवाएँ आदेश (ऑर्डर), भुगतान और व्यापार को सुगम बनाती हैं।


उदाहरण :


1. वस्त्र उद्योग (Textile Industry):

  • वस्त्र उद्योग में कपास (कच्चा माल) है और कपड़े (वस्त्र) तैयार माल हैं।
  • कपास (कच्चा माल) को उद्योग तक लाने के लिए तथा तैयार माल ( वस्त्र ) को बाजार तक पहुँचाने के लिए ट्रक, रेलवे (परिवहन) की जरूरत होती है।
  • वस्त्र के बिक्री के लिए दुकानदार व विज्ञापन (विपणन सेवाएँ) आवश्यक होते हैं।


2. डेयरी उद्योग (Dairy Industry):

  • डेयरी उद्योग में दूध कच्चा माल है तथा घी, पनीर, मक्खन, आदि तैयार माल हैं।
  • इन तैयार माल को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने के लिए परिवहन,  कोल्ड-स्टोरेज, गोदाम और खुदरा दुकानें (तृतीयक सेवाएँ) जरूरी हैं।


3. स्टील उद्योग (Steel Industry):

  • स्टील उद्योग में लौह अयस्क ( कच्चा माल ) को लोहा , स्टील , आदि बनाए जाते है। 
  • स्टील को निर्माण कंपनियों तक पहुँचाने के लिए बैंकिंग (भुगतान), बीमा (सुरक्षा) और संचार सेवाएँ (ऑर्डर) जरूरी हैं।


द्वितीयक क्षेत्रक केवल वस्तुएँ बनाता है, लेकिन कच्चा माल को उद्योग तक लाने तथा तैयार माल को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने और सुरक्षित व्यापार के लिए तृतीयक क्षेत्रक की सेवाओं पर पूर्ण रूप से निर्भर रहता है।

दोनों क्षेत्रक आपस में गहरे जुड़े और परस्पर निर्भर हैं।

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