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बिहार का कृषि प्रतिरूप स्पष्ट कीजिये तथा इस प्रतिरूप के उत्तरदायी घटको की चर्चा कीजिये।

  प्रश्न। 

बिहार का कृषि प्रतिरूप स्पष्ट कीजिये तथा इस प्रतिरूप के उत्तरदायी घटको की चर्चा कीजिये। ( 64th BPSC 2019)

उत्तर।  

किसी एक समय में विभिन्न फसलों के लिए क्षेत्रों का अनुपात को कृषि प्रतिरूप कहते है । सामान्य तौर पर, कृषि प्रतिरूप वर्षा, तापमान, मिट्टी, उच्चावच और प्रौद्योगिकी द्वारा निर्धारित होते हैं।

बिहार में कृषि पैटर्न हर मौसम में अलग-अलग होते हैं। बिहार में तीन कृषि मौसम  हैं:

खरीफ :

  • जून से अक्टूबर तक उगाई जाने वाली फसलें खरीफ फसलें कहलाती हैं।
  • खरीफ मौसम में चावल की फसल मुख्य फसल होती है और यह बिहार के सभी जिलों में उगाई जाती है। 2020-21 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में धान की फसल का रकबा 34.75 लाख हेक्टेयर है।
  • बिहार में खरीफ मौसम में, मक्का दूसरी सबसे बड़ी फसल है।
  • बिहार में मक्का की फसल क्षेत्र 4.25 लाख हेक्टेयर है | 

रबी फसलें:

  • बिहार में , गेहूं रबी सीजन की प्रमुख फसल हैं। बिहार में गेहूं का फसल क्षेत्र 24 लाख हेक्टेयर है।
  • बिहार भारत में सब्जियों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।

ज़ैद फसलें:

  • बिहार भारत में लीची का सबसे बड़ा उत्पादक है।

बिहार में कृषि पैटर्न के लिए उत्तरदायी घटको :

  • बिहार में बहुत अधिक  खेती योग्य क्षेत्र (60%) है क्योंकि इसमें लगभग सभी क्षेत्र मैदानी  है और गंगा और अन्य हिमालयी नदियों द्वारा बनाये गए है जिसमे उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी प्रमुख है।
  • बिहार में वनावरण बहुत कम (7%) है।
  • बिहार उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में स्थित है। खरीफ के मौसम में भारी वर्षा, आर्द्र जलवायु और उपजाऊ मिट्टी के कारण यहाँ  धान की खेती खूब की जाती है ।
  • नदियों की बारहमासी प्रकृति और राज्य में पर्याप्त भूजल की उपलब्धता के कारण, बिहार भारत के राज्यों में सब्जियों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य और फलों का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।
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