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सीमांत, सीमा, और बफर क्षेत्र के सन्दर्भ में अंतर्राष्ट्रीय विवादों के स्वरूप की चर्चा कीजिये।

प्रश्न। 

सीमांत, सीमा, और  बफर क्षेत्र के सन्दर्भ में अंतर्राष्ट्रीय विवादों के स्वरूप की चर्चा कीजिये।   ( 63rd BPSC, 2019)

सीमान्तों, सीमाओं, तथा बफर क्षेत्र की विशेषताओं का, उदाहरण देते हुए, विश्लेषण कीजिए । ( 65th BPSC geography)

उत्तर।

सीमांत, सीमा, और  बफर क्षेत्र एक ही चीज़ के तीन नाम हैं जो भूमि या समुद्र क्षेत्र से जुड़े हुए है और  देशों के संप्रभुता अधिकारों को पृथक करने का काम करते  हैं। अधिकांश अंतरराष्ट्रीय संघर्ष विवादित सीमांत, सीमा, और  बफर क्षेत्र से संबंधित हैं। इस से जुड़े संघर्ष अक्सर दो पड़ोसी देशों के बीच होता है लेकिन वास्तव में यह बहुत जटिल होता है इसमें कई  देशो का हस्तक्षेप होता है खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस जैसी बड़ी शक्ति का समर्थन प्राप्त होता  है।

अंतर्राष्ट्रीय विवादों के स्वरूप की चर्चा  करके से पहले, आइए हम सीमांत, सीमा और बफर क्षेत्र  की अवधारणा को समझें।

सीमा:

सीमा दो राज्यों के बीच स्पष्ट रूप से परिभाषित रेखा होती है ।

उदाहरण के लिए,

  • LOC-जम्मू और कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा।
  • भारत और पाकिस्तान के बीच रेडक्लिफ रेखा।

सीमांत:

सीमांत दो राज्यों के बीच की सीमा का विस्तृत क्षेत्र होता है (रेखा नहीं) इस क्षेत्र  का  उपयोग अक्सर  नहीं किया जाता है।

बफर क्षेत्र:

बफर क्षेत्र  सीमांत से अधिक चौड़ा  होता है लेकिन इस क्षेत्र का उपयोग किया जाता है । उदाहरण के लिए, मध्यकालीन समय के दौरान, हिमालय भारत और तिब्बत के बीच बफर जोन के रूप में काम करता था; और तिब्बत भारत और चीन के बीच एक बफर जोन के रूप में काम करता था ।

सीमांत, सीमा, और  बफर क्षेत्र के सन्दर्भ में अंतर्राष्ट्रीय विवादों के स्वरूप :

पडोसी देशो के बीच अक्सर सीमांत  क्षेत्रों को नियंत्रित करने के लिए अक्सर संघर्ष देखने को मिलता  हैं।

उदाहरण के लिए,

  • व्यावहारिक रूप से लद्दाख क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भारत और चीन के बीच सीमांत है जिसमे कुछ छोटे पर्वत है ; दोनों देशों इन सीमांत क्षेत्र को नियन्तण करने की होड़ लगी हुई है जिससे दोनों देश के सेना भी आमने-सामने आ चुके है।  

बफर जोन को नियंत्रित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय संघर्ष हैं;

उदाहरण के लिए,

  • दक्षिण चीन सागर, चीन और पड़ोसी देशो ( जैसे वियतनाम ,जापान ) के बीच बफर जोन के रूप में काम करता था, लेकिन अब दक्षिण चीन सागर के सभी तटीय देश अधिकतम क्षेत्रों को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
  • 1947 से पहले जम्मू और कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक बफर जोन था। जो आज दोनों देशो के संघर्ष का कारण है। 
  • नेपाल , भारत और चीन के बीच स्थित है इसे बफर क्षेत्र देश भी बोल सकते है और अपने प्रभाव को नेपाल में बनाये रखने के लिए भारत और चीन नेपाल के मामलों में हस्तक्षेप करते हैं।
  • हंस द्वीप कनाडा और ग्रीनलैंड के बीच स्थित हैं, यह एक बफर जोन के रूप में काम करता है और दोनों देशों में विवादित है।


सामरिक स्थान को नियंत्रित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष

  • ग्लोरियोसो द्वीप मेडागास्कर के पास हिंद महासागर में स्थित हैं। यह फ्रांस द्वारा नियंत्रित है लेकिन मेडागास्कर द्वारा दावा किया गया है।
  • सामरिक स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारत और नेपाल के बीच काला पानी क्षेत्र में विवाद है ।

सीमाओं पर कम अंतरराष्ट्रीय संघर्ष हैं और सीमांत और बफर जोन में अधिक अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष देखे गए हैं।

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