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वन और वन्य जीव संरक्षण में लोगों की भागेदारी कैसे महत्वपूर्ण हैं?

 प्रश्न।

वन और वन्य जीव संरक्षण में लोगों की भागेदारी कैसे महत्वपूर्ण हैं?

(अध्याय 5 प्राकृतिक वनस्पति  , कक्षा 11 NCERT भूगोल "भारत भौतिक पर्यावरण")

उत्तर।

वनों और वन्यजीवों के संरक्षण में लोगों की भागीदारी निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण हैं;

लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से वनों और वन्यजीवों के नुकसान में शामिल हैं। वन भूमि में मानव बस्तियों और विकासात्मक गतिविधियों का विस्तार से वन क्षेत्र और वन्यजीवों के नुकसान का एक प्रमुख कारण है। इसलिए, लोगों की भागीदारी वनों और वन्य जीवन के संरक्षण के लिए बहुत जरुरी है।

स्थानीय लोगों की भागीदारी से वन्यजीवों की निगरानी को सफल बनाया जा सकता है जो अवैध शिकार को रोकेगा है।

वन और वन्य जीवन के संरक्षण के लिए लोगों की भागीदारी एक सस्ते और धारणीय तरीका है।

स्थानीय लोग वन संसाधनों के बहुत करीब होते हैं और उनको इनसे लगाव भी होता है क्योंकि वे विभिन्न जरूरतों के लिए सीधे जंगल पर निर्भर हैं।  लेकिन अपनी अन्य जरुरत लिए इसका दोहन करते हैं। इसलिए वन और वन्य जीवन के संरक्षण में लोगों की भागीदारी को शामिल करना इसे प्रभावी बना देगा। इसीलिए 1988 की नई वन नीति ने वन और वन्यजीव संरक्षण में लोगों की भागीदारी की भूमिका पर जोर दिया।

जंगल में बड़ी संख्या में आदिवासी रहते हैं और जंगल ही उनका घर है। वन और आदिवासी आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। वानिकी के संबंध में आदिवासियों के सदियों पुराने ज्ञान का उपयोग वनों के विकास के लिए किया जा सकता है। वन विकास के लिए आदिवासी समुदायों को प्रोत्साहित करने से न केवल उनकी आजीविका में सुधार होता है बल्कि वनों का संरक्षण और विस्तार भी होता है।


अतीत में, चिपको आंदोनल जैसे जन भागीदारी वाले आंदोलन ने यह साबित कर दिया है कि वन और वन्य जीव संरक्षण में लोगों की भागेदारी महत्वपूर्ण हैं। 


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