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लिंग-सम्बन्धी नकारात्मक अभिवृति के मूल कारणों की विवेचना कीजिए। यह इतने दृढ़ क्यों हैं ? | UPPSC ethics paper 2021 solutions | नीति अखंडता एवं अभिक्षमता UPSC नोट्स

    प्रश्न। 

लिंग-सम्बन्धी नकारात्मक अभिवृति के मूल कारणों की विवेचना कीजिए।  यह इतने दृढ़ क्यों हैं ? 

(UPPSC GS paper 4 2021)

उत्तर।

समाज में लिंग-संबंधी नकारात्मक अभिवृति होने से लिंग-सम्बन्धी भेदभाव, गलतफहमी, हिंसा, बहुविवाह, आदि को उत्पन्न होता हैं। महिलाओं को कमजोर समझना,  महिलाओं को पुरुषों से हीन समझना, और महिलाओं को यौन वस्तु समझना ; ये समाज में लिंग-संबंधी नकारात्मक अभिवृति का परिणाम है।


लिंग-संबंधी नकारात्मक अभिवृति के कुछ मूल कारण निम्नलिखित हैं:

  • पितृसत्ता समाज 
  • रूढ़िबद्धता
  • गलत शिक्षा या शिक्षा की कमी
  • सांस्कृतिक और धार्मिक विश्वास
  • फिल्म उद्योग और मीडिया


पितृसत्ता: समाज में पितृसत्तात्मक प्रणाली पुरुषों को समाज में शक्ति और अधिकार रखने की अनुमति देती है, परिणामस्वरूप, यह पुरुषों की श्रेष्ठता की ओर जाता है, और महिलाओं को पुरुषों के अधीन बना देता हैं। यह नकारात्मक अभिवृति  [पितृसत्ता] समाज में महिलाओं के खिलाफ बहुविवाह, गलतफहमी, भेदभाव और हिंसा की ओर ले जाता है।


रूढ़िबद्धता [स्टीरियोटाइपिंग]: रूढ़िबद्धता का अर्थ है वर्तमान तथ्य को जाने बिना व्यक्तियों के बारे में पुराने परम्पराओ और आस्थाओ को ज्यादा मान्यता देना , जैसे महिलाओ को केवल घर का काम करना चाहिए , महिलाएं रेलगाड़ी नहीं चला सकते , आदि रूढ़िबद्धता का उदाहरण है। लिंग रूढ़िबद्धता समाज के लिए बहुत हानिकारक होता है क्योंकि यह समाज में महिलाओं की क्षमता को सीमित करता है और उन्हें आगे बढ़ने से रोकता हैं।


आधुनिक शिक्षा का अभाव: जब लोग शिक्षित नहीं होते हैं, तो वे महिलाओं के प्रति नकारात्मक अभिवृति रखते हैं क्योंकि उनकी मूल्य काफी हद तक उनके सामाजिक-धार्मिक प्रणाली द्वारा नियंत्रित होती है। 


सांस्कृतिक और धार्मिक विश्वास: सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं में अनेको ऐसे मान्यता है जिसमे महिलाओ को कुछ काम के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता हैं और यह भी माना जाता है कि महिलाओं को पुरुषों के अधीन काम करना चाहिए। इस प्रकार के लिंग नकारात्मक अभिवृति अक्सर महिलाओं के खिलाफ हिंसा और गैर-स्वीकृति का कारण बनते हैं जब वे इस तरह की मान्यताओं को तोड़ना चाहते हैं।


फिल्म उद्योग और मीडिया की भूमिका: कई फिल्में और टीवी शो महिलाओं को यौन वस्तुओं और कमजोर के रूप में चित्रित करते हैं, यह नकारात्मक लिंग-आधारित स्टीरियोटाइपिंग के गठन की ओर जाता है जो अक्सर समाज में लिंग से संबंधित नकारात्मक अभिवृति बनाता है।


लिंग-संबंधी नकारात्मक अभिवृति इतने दृढ़ हैं क्योंकि इनकी गहरी जड़े संस्कृति, समाज, शिक्षा प्रणाली और ऐतिहासिक संदर्भ से गठित हैं। सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं के कारण समाज में लिंग सम्बन्धी स्टीरियोटाइप्स और पूर्वाग्रहों बन गया जो लिंग-संबंधी नकारात्मक अभिवृति का एक मजबूत आधार बनाता है।

लिंग-संबंधी नकारात्मक अभिवृति हमारे समाज के समग्र विकास के लिए बाधा है जिसे हम अच्छी शिक्षा और जागरूकता से दूर किया जा सकता हैं। 


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