Search Post on this Blog

सुकरात के नैतिक विचारों पर बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) | UPSC GS IV (Ethics):

 1. “एक अचिंतनशील जीवन जीने योग्य नहीं होता” — इस कथन से सुकरात का क्या तात्पर्य था?

क) जीवन में सुख और उपलब्धियाँ भरपूर होनी चाहिए

ख) लोगों को बिना प्रश्न किए सामाजिक नियमों का पालन करना चाहिए

ग) सफलता ही जीवन का अंतिम लक्ष्य है

घ) व्यक्ति को अपने कार्यों और विश्वासों पर नियमित रूप से विचार करना चाहिए


उत्तर: घ) व्यक्ति को अपने कार्यों और विश्वासों पर नियमित रूप से विचार करना चाहिए

सुकरात मानते थे कि आत्ममंथन एक नैतिक और सार्थक जीवन के लिए आवश्यक है।


2. सुकरात की दर्शन विधि मुख्य रूप से किस पर आधारित है?

क) ज्ञान देने के लिए व्याख्यान देना

ख) नैतिक नियमों का कंठस्थ करना

ग) अनैतिक व्यवहार को दंडित करना

घ) प्रश्न पूछकर और संवाद के माध्यम से आलोचनात्मक चिंतन को प्रोत्साहित करना


उत्तर: घ) प्रश्न पूछकर और संवाद के माध्यम से आलोचनात्मक चिंतन को प्रोत्साहित करना

सुकरात पद्धति में विचारों की गहराई तक पहुँचने के लिए तर्कपूर्ण प्रश्न पूछे जाते हैं।


3. सुकरात के अनुसार सद्गुण (virtues) क्या हैं?

क) ज्ञान के रूप जिन्हें सीखा जा सकता है

ख) धार्मिक अनुष्ठानों में निहित होते हैं

ग) पारिवारिक परंपराओं से प्राप्त होते हैं

घ) लोक प्रशासन में अप्रासंगिक होते हैं


उत्तर: क) ज्ञान के रूप जिन्हें सीखा जा सकता है

सुकरात ने न्याय, साहस और बुद्धिमत्ता जैसे गुणों को ज्ञान का रूप माना।


4. सुकरात ने अंतरात्मा और जनमत के संदर्भ में क्या बल दिया?

क) हमेशा बहुसंख्यक की राय का पालन करें

ख) नैतिक मामलों में व्यक्तिगत निर्णय से बचें

ग) सार्वजनिक या राज्य के दबाव के विरुद्ध भी अपनी अंतरात्मा का अनुसरण करें

घ) जनमत हमेशा नैतिक रूप से सही होता है


उत्तर: ग) सार्वजनिक या राज्य के दबाव के विरुद्ध भी अपनी अंतरात्मा का अनुसरण करें

सुकरात ने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया, यहाँ तक कि मृत्यु को भी स्वीकार किया।


5. सुकरात की नैतिक दृष्टिकोण को सबसे उपयुक्त रूप से कैसे वर्णित किया जा सकता है?

क) नियम आधारित नैतिकता

ख) परिणामवाद (Consequentialism)

ग) विधिक और प्रक्रियात्मक

घ) आत्ममंथन और सद्गुण आधारित


उत्तर: घ) आत्ममंथन और सद्गुण आधारित

सुकरात नैतिकता बाह्य नियमों से अधिक आत्म-जांच और सद्गुण निर्माण पर बल देती है।

Previous
Next Post »