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उत्तर प्रदेश की कांस्य युग संस्कृति | उत्तर प्रदेश की आद्य-इतिहास | इतिहास, सभ्यता, संस्कृति और यूपी के प्राचीन शहर | UPPSC सामान्य अध्ययन (GS) -V

 उत्तर प्रदेश की कांस्य युग संस्कृति:

कांस्य युग,  ताम्रयुग और लौह युग के बीच संक्रमणकालीन अवधि है। इस अवधि में, कांस्य धातु का उपयोग आमतौर पर दैनिक जीवन के लिए किया जाता था।

कांस्य तांबे का एक मिश्र धातु (लगभग 90 %) और टिन (लगभग 10 %) है।

कांस्य युग के दौरान शहरीकरण शुरू हुआ।

कांस्य युग के दौरान भारत में सिंधु घाटी सभ्यता फला-फुला थी।



निम्नलिखित कांस्य युग के उत्तर प्रदेश के प्रमुख स्थल हैं:

सिनौली

आलमगीर

हुलास

माण्डी



सिनौली गांव:

लकड़ी का रथ उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के सिनाौली गांव में पाया गया था।

यह कांस्य युग (2200BC-1800BC) से संबंधित है।

सिनौली गांव में रथ, तलवारें और कास्केट भी पाए गए।


आलमगिर:

आलमगीर हड़प्पा सभ्यता का सबसे पूर्वी स्थल है, जो कि मेरठ जिले, उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है।

छत की टाइल्स, व्यंजन, कप, आदि जैसे कई सिरेमिक वस्तुओं के अवशेष अलामगीर में पाए गए हैं।


हुलास खेड़ा  :

हुलास उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में स्थित है।


माण्डी:

माण्डी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्थित है।

यह एक हड़प्पा स्थल है।


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