रानी भी पाठ का सारांश:
यह कहानी रमा और रानी नामक दो बहनों के बारे में है। रमा बड़ी है तथा रानी छोटी बहन है। रानी हमेशा अपनी बड़ी बहन रमा के साथ रहती है और जो रमा करती है, रानी भी वही करती है। जब रमा अपने बालों में कंघी करती है, चप्पल पहनती है और स्कूल जाने के लिए अपना बस्ता उठाती है, तो रानी भी वही करती है। लेकिन माँ ने रानी को स्कूल नहीं जाने दिया क्योंकि वह अभी बहुत छोटी है। माँ ने रानी को समझाया कि जब वह थोड़ी बड़ी हो जाएगी, तभी वह स्कूल जा सकती है।
भावार्थ:
यह कहानी छोटे बच्चों को अनुकरण की आदत दिखाती है। रानी अपनी बड़ी बहन रमा की नकल करती है।
यह सिखाती है कि छोटे बच्चों को धैर्य रखना चाहिए और बड़ी होने तक कुछ चीजों का इंतजार करना चाहिए।
माँ का उदाहरण दिखाता है कि बच्चों को समझाना और सही समय पर चीजें सिखाना ज़रूरी है।
1. अनुमान लगाकर शब्दों के साथ चित्रों को जोड़िए −
बस्ता, रमा, कंघा, झोला, रानी, चप्पल, बाल
उत्तर :
2. एक बार फिर से अनुमान लगाकर अपने शिक्षक के साथ ‘रानी भी’ कहानी को पढ़िए।
उत्तर -
मिल कर पढ़िए " रानी भी"
रमा और रानी दो बहनें हैं।
रानी हमेशा रमा के साथ रहती है।
रमा ने अपने बालों मे कंघी की।
रानी ने भी अपने बालों में कंघी की।
रमा ने चप्पल पहनी।
रानी ने भी चप्पल पहन ली।
रमा ने अपना बस्ता उठाया।
रानी ने भी एक झोला उठा लिया
रमा स्कूल जाने लगी।
माँ ने रानी को स्कूल नहीं जाने दिय ा।
रानी अभी बहुत छोटी है।
माँ ने रानी को समझाया, “रानी बेटी, तुम अभी बहुत छोटी हो। थोड़ी -सी
बड़ी हो जाओ, तब तुम भी स्कूल चली जाना।”
3. यह कहानी दो बहनों की है। उनके नाम बताइए।
उत्तर :
इस कहानी में दो बहनों के नाम हैं: रमा और रानी।
4. क्या रानी रमा के साथ स्कूल गई?
हाँ। रानी रमा के साथ स्कूल गई।
नहीं। रानी रमा के साथ स्कूल नहीं जा पाई।
उत्तर -
नहीं। रानी रमा के साथ स्कूल नहीं जा पाई।
बातचीत के लिए-
1. रानी रमा के साथ स्कूल क्यों जाना चाहती थी?
उत्तर :
रानी रमा के साथ स्कूल इसलिए जाना चाहती थी क्योंकि वह अपनी बहन के साथ रहना चाहती थी और बड़ी होकर स्कूल में पढ़ाई करना चाहती थी।
2. माँ ने रानी को स्कूल क्यों नहीं जाने दिया?
उत्तर -
माँ ने रानी को स्कूल इसलिए नहीं जाने दिया क्योंकि रानी अभी बहुत छोटी थी। माँ चाहती थीं कि रानी थोड़ी बड़ी हो जाए, तभी वह स्कूल जाए।
खोजें-जानें:
अपने परिवार के लोगों से बातचीत कीजि ए और जानि ए कि उनका स्कूल कैसा था।
उनके स्कूल का चित्र उनकी सहायता से बनाइए और कक्षा में सभी के साथ साझा कीजिए।
यह भी साझा कीजि ए कि आपको उनके स्कूल में और अपने स्कूल में क्या अंतरदि खाई देता है?
उत्तर -
हम जब परिवार से बातचीत करते है तो हमें पता चलता है कि -
दादा जी के स्कुल मिट्टी के हुआ करते थे और वे जमीन पर बैठ के पड़ते थे।
पिताजी के स्कूल में लकड़ी की बेंच थी।
जबकि हमारे स्कूल में आधुनिक बेंच है तथा डिजिटल स्क्र्रीन भी है।
पिताजी के स्कूल में खेल का मैदान खेत जैसा खुला था, हमारे स्कूल में खेल का मैदान चारो तरफ घिरे हुए है।
उनके स्कूल में किताबें कम थीं, हमारे स्कूल में लाइब्रेरी है।
शब्दों का खेल:
1. नीचे दिए गए शब्दों को सुनिए। बताइए कि पहली ध्वनि कौन-सी है। दूसरी ध्वनि कौन-सी है –
नाना, नानी, काका, काकी, मामा, मामी,माँ, रमा, रानी, बाल, झोला
उत्तर :
2. नीचे दिए गए अक्षरों की ध्वनि पहचानने और लिखने का अभ्यास कीजिए −
न – ............. क – ............. म – .............
प – ............. र – ............. ल –
उत्तर :
न – ....न न..न..न.....
क – ....क ....क ..क .क ..
म – . म..... म. म.. म....
प – ....प......प..प.
र – .र...र..र...र...
ल –ल ल ल ल
3. नीचे दी गई ध्वनियों को सुनिए –
का पा ना मा रा ला
बताइए क, प, न, म, र और ल के अति रिक्त आपको कौन-सी ध्वनि सुनाई दे रही है?
उत्तर -
“का” में 'क' की ध्वनि सुनाई देती है।
“पा” में 'प' की ध्वनि सुनाई देती है।
“ना” में 'न' की ध्वनि सुनाई देती है।
“मा” में 'म' की ध्वनि सुनाई देती है।
“रा” में 'र' की ध्वनि सुनाई देती है।
“ला” में 'ल' की ध्वनि सुनाई देती है
4. अब ‘आ’ लिखने का प्रयास कीजिए –
आ ............. ............. .............
उत्तर :
आ ......आ..आ..... .....आ........ .आ.....आ.......
5. नीचे दिए गए चित्रों के नाम लिखिए और पढ़ने का प्रयास कीजिए –
उत्तर
चित्रकारी और लेखन
माँ, पिता, मामा, मामी, नाना, नानी, मित्र, दीदी, भैया आदि का कोई चित्र बनाइए। चित्रों के साथ कुछ शब्द लिखने का प्रयास भी कीजिए –
उत्तर:
आप स्वयं कीजिए
शब्दों का खेल
दिए गए अक्षरों को जोड़कर अपने शब्द बनाइए
उत्तर:
प्रश्न और पहेली:
उत्तर:
1. मेरे पिता के पिता, मेरे .......दादा जी .......
2. मेरी सहेली बड़ी प्यारी , उसका नाम बूझो तो जानें
मेरे नाम का उल्टा उसका नाम, मै हूँ नीरा, तो वो है .......रानी .....................
3. ‘नीना की नानी’ का उल्टा है .........नीना की नानी...................
इकाई 2: जीव-जगत:
खेल गीत :
मुर्गा बोला कुकडू -कूं
मर्गाु बोला कु कड़ू -कँू ,
चल मेरे भैया रुकता क्यूँ!
कुत्ता भौंके, भौं-भौं-भौं,
अटकी गाड़ी पौं-पौं-पौं।
बकरी आई, बि ल्ली आई,
मेंऽ-मेंऽ आई, म्याऊँ-म्याऊँ आई।
धक्की गाड़ी धौं-धौं-धौं,
चल दी गाड़ी पौं-पौं-पौं।
भवार्थ :
यह कविता एक मज़ेदार खेल गीत है जिसमें जानवरों और गाड़ियों की आवाज़ों को बताता है -
मुर्गा “कुकड़ू-कूं” बोलता है।
कुत्ता “भौं-भौं-भौं।” भौंकता है।
गाड़ी “पौं-पौं-पौं।” बोलता है।
बकरी “में-में” करती है।
बिल्ली “म्याऊँ-म्याऊँ” बोलती है।
इस कविता में विभिन्न जानवरों की आवाज़ें और गाड़ियों की ध्वनियाँ मिलकर बच्चों को ध्वनियों को पहचानने और खेल-खेल में सीखने का आनंद देती हैं।
चित्र और बातचीत:
गिलहरी की कहानी:
गिलहरी की कहानी चित्र के हिसाब से इस प्रकार है -
एक जंगल में दो गिलहरी रहते थे, उनमे बड़ी घनिष्ठ मित्ररता थी। एक का नाम था - गुड्डू, दूसरे का नाम था - मुन्ना। वे दोनों एक ही नदी के आमने सामने किनारे पर रहते थे।
नदी के दोनों किनारे पर दो बड़े पेड़ थे, जो बिलकुल आमने-सामने थे, जिनपे दोनों उन पर उछल कूद करते रहते थे।
एक दिन मुन्ना ने, अपने मित्र गुड्डू को खाने पर अपना अपने घर बुलाया। खाने का निमंत्रण मिलकर गुड्डू बहुत खुश हुआ लेकिन उसके सामने एक समस्या थी कि वह नदी कैसे पार करें। उस नदी में एक मगरमच्छ रहता था, जो बहुत ही खतरनाक था। वह हमेशा उन पर नजर रखता था।
इस समस्या के उपाय के लिए दोनों गिलहरी सोच में पड़ गए। सोचते सोचते मुन्ना को एक उपाय सूझा, उसने झट से चिड़िया को बुलाया और उसे उपाय समझा कर गुड्डू के पास भेज दिया। फिर मुन्ना ने बड़ी रस्सी बनाई और उसको पेड़ के ऊपरी शाखा पर मजबूती से बांध दी। रस्सी की दूसरी सिरे को पत्थर से बांधकर , गुड्डू की ओर, नदी के दूसरे पार फेंका। गुड्डू गिलहरी ने रस्सी को लपक कर पेड़ के ऊपर बांध दिया। अब नदी में रस्सी का पुल बन गया। गुड्डू ने रस्सी के सहारे लटकते हुए नदी पार की। मगरमच्छ यह देखकर चकित रह गया और दुखी होकर चला गया। फिर दोनों मित्र ने साथ में बैठकर खाना खाया और दोनों खुशी से उछल कूद किया।
शिक्षा: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कोई भी कार्य असंभव संभव नहीं होता है। समस्या का समाधान सूझ -भुझ से निकाली जा सकती है।
Class 1 Hindi NCERT Solutions | Reprint 2025-26
- Chapter 1 | मीना का परिवार
- Chapter 2 | आनंदमयी कविता-" दादा-दादी"
- Chapter 3 | "रीना का दिन" कहानी
- Chapter 4 | रानी भी
- Chapter 5 | मिठाई
- Chapter 6 | तीन साथी
- Chapter 7 | वह, मेरे घोड़े !
- Chapter 8 | खतरे में साँप
- Chapter 9 | आलू की सड़क
- Chapter 10 | झूलम-झूली
- Chapter 11 | भुट्टे
- Chapter 12 | फूली रोटी
- Chapter 13 | मेला
- Chapter 14 | बरखा और मेघा
- Chapter 15 | होली
- Chapter 16 | जन्मदिवस पर पेड़ लगाओ
- Chapter 17 | हवा
- Chapter 18 | कितनी प्यारी है ये दुनिया
- Chapter 19 | चाँद का बच्चा















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