Chapter 8 Class 1 Hindi NCERT Solutions Khatre me sanp,
Chapter 8 Class 1 Hindi NCERT Questions Answer,
Chapter 8 Class 1 Hindi NCERT Sarangi Solutions,
सुनें कहानी " खतरे में साँप ":
सारे जानवर इकट्ठे हुए थे। बात चल रही थी कि खतरे में अपनी जान कैसे बचाएँ? देर
तक बहस चली। अंत में सबको बंदर की सलाह ठीक लगी। बंदर की सलाह थी कि
खतरे के समय ‘सिर पर पैर रखकर भागना’ सबसे अच्छा है।
बातचीत समाप्त हुई और सारे जानवर अपने-अपने ठिकाने चले गए। सिफ़र् साँप एक-दूसरे का मुँह ताकते देर तक वहीं बैठे रहे।
लेखक - चंदन यादव
भावार्थ:
इस कहानी "खतरे में साँप" का भाव यह है कि जंगल के सभी जानवर इकट्ठे होकर यह सोच रहे थे कि खतरे के समय अपनी जान कैसे बचाई जाए। बहुत चर्चा के बाद सबको बंदर की सलाह सबसे अच्छी लगी — कि खतरे के समय “सिर पर पैर रखकर भाग जाना” , यह एक मुहावरा है जिसका मतलब है जल्दी से भाग जाना ही सबसे अच्छा उपाय है।
परंतु जब सभी जानवर चले गए, तो साँप वहीं बैठे रह गए, क्योंकि उनके पास पैर ही नहीं थे तो सिर पर पैर रख कर कैसे भांगेंगे , यही सोचते रह गए।
नैतिक शिक्षा:
इस कहानी से शिक्षा यह मिलती है हर सलाह सभी पर लागू नहीं होती। हमें अपने हालात और स्थिति के अनुसार ही निर्णय लेना चाहिए।
बातचीत के लिए:
1. साँप वहीं क्यों बैठे रह गए?
उत्तर :
साँप वहीं इसलिए बैठे रह गए क्योंकि उनके पास पैर नहीं होते, इसलिए वे ‘सिर पर पैर रखकर भाग’ नहीं सकते थे।
"सिर पर पैर रखकर भागना’ का मतलब होता है जल्दी से भागना , यही मतलब उन्हें समझ नहीं आया और वही बैठे रहे।
2. आप साँप को क्या सलाह देंगे?
उत्तर :
मैं साँप को यह सलाह दूँगा कि जब खतरा उनको दिखे तो जल्दी से किसी बिल या झाड़ियों में छिप जाए या पेड़ पर चढ़ जाए।
3. ‘सिर पर पैर रखकर भागने’ का क्या अर्थ है?
उत्तर :
सिर पर पैर रखकर भागने’ का मतलब है —
बहुत तेज़ी से भाग जाना, यानी खतरे के समय देर न करना और तुरंत वहाँ से भाग जाना।
रंग भरिए:
बिना रंग-भरे चित्र में दिए गए चित्र जैसा रंग भरिए –
उत्तर :
आप स्वयं कीजिए
चित्र और बातचीत: " जंगल"
1. चित्र में क्या -क्या दिख रहा है?
उठता :
यह चित्र के जंगल का है जिसमे पेड़, तालाब , नदी , पर्वत , गुफाएं , जानवर , चिड़िया , आदि दिख रहे है।
2. कौन-कौन से जानवर हैं?
उत्तर :
इस चित्र में बहुत सारे जानवर है उनका नाम है - शेर , जिराफ , कंगारू , कछुआ , मछली , अजगर , बन्दर , हाथी , और चूहा।
3. कौन, क्या कर रहा है?
उत्तर :
इस चित्र में जानवर निम्नलिखित कार्य कर रहे है -
शेर , जिराफ , कंगारू, और कछुआ तालाब के किनारे है और मछली तालाब में उछल रही है।
एक कौआ शेर के ऊपर बैठा है।
हाथी पेड़ के नीचे बैठा है तथा अजगर पेड़ के ऊपर लटक रहा है।
बन्दर बैठ कर कुछ सोच रहा है।
चूहा एक पत्थर पर बैठा है।
4. आपने इनमें से कौन-कौन से जानवर देखे हैं? कहाँ देखे? आदि ।
उत्तर:
इनमे से मैंने बन्दर , चूहा , हाथी , कछुआ , मछली , और अजगर को सही में देखा है और बाकी जैसे शेर, जिराफ , और कंगारू को मैंने टेलीविशन पर देखा है।
आनंदमयी कविता
कबरी झबरी बकरी
बकरी कबरी, बकरी झबरी
कबरी झबरी बकरी;
आगे निकली कबरी बकरी,
पीछे रह गई झबरी।
आगे-आगे कबरी बकरी,
पीछ-पीछे झबरी;
साथ चली थीं,
हो गई आगे-पीछे
कबरी झबरी बकरी
– प्रभात
भावार्थ :
कविता "कबरी झबरी बकरी" के कवि है -प्रभात जी। इस कविता में कवि ने दो बकरियों का वर्णन किया गया है — एक कबरी बकरी (जिसके शरीर पर काले-सफेद रंग के धब्बे हैं) और दूसरी झबरी बकरी (जिसके बाल झबरे यानी घुंघराले और लंबे हैं)।
दोनों बकरियाँ साथ-साथ चल रही थीं, लेकिन चलते-चलते एक (कबरी) आगे निकल गई और दूसरी (झबरी) पीछे रह गई। अब दोनों के बीच थोड़ी दूरी हो गई — एक आगे और एक पीछे।
कविता का संदेश / सीख :
यह कविता बच्चों को लय, शब्दों की ध्वनि और खेल-खेल में भाषा की सुंदरता सिखाने के लिए लिखी गई है। यह बाल-कविता है जो मन को आनंदित करती है और उच्चारण, तुकबंदी और ताल का अभ्यास कराती है।
आओ कुछ बनाएँ:
शिक्षक द्वारा दिए गए निर्देशों को ध्यान से सुनिए और बनाइए –
शब्दों का खेल:
आओ ‘र’ पहचानें
देखिए और बोलिए ‘र’ से क्या -क्या शब्द हैं –
रोटी
रमा
रानी
रेल
रसगुल्ला
रस्सी
यहाँ कुछ शब्द दिए जा रहे हैं, इनमें से ‘र’ को खोजिए और घेरा लगाइए –
गिलहरी बकरी रिमझिम गिरगिट खरगोश
उत्तर:
दिए गए अक्षरों को जोड़कर अपने शब्द बनाइए –
उत्तर:
कहानी सुनाइए
नीचे कुछ शब्द और चित्र दिए गए हैं। इनकी सहायता से कोई कहानी बनाइए और कक्षा में सुनाइए –
खरगोश
दौड़ना
चिड़िआ
कछुआ
बन्दर
भालू
उत्तर :
कहानी – खरगोश और कछुए की दौड़:
एक दिन जंगल में खरगोश, कछुआ, चिड़िया, बंदर और भालू सब इकट्ठे हुए।
बंदर ने कहा, चलो हम कुछ खेल खेलते है। सब ने सुझाव दिया कि सबसे पहले हम कछुए और खरगोश का दौड़ लगवाएंगे।
सब तैयार हो गए। खरगोश बोला, “मैं तो बहुत तेज़ दौड़ता हूँ, मुझे कोई नहीं हरा सकता।”, कछुआ तो बिलकुल नहीं।
कछुआ बोला, “मैं धीरे चलता हूँ, लेकिन कोशिश ज़रूर करूँगा।”
दौड़ शुरू हुई — खरगोश बहुत तेज़ दौड़ा, लेकिन उसे अभिमान था की मै तो यह दौड़ जीत ही जाऊंगा। इसलिए थोड़ी दूर जाकर आराम करने बैठ गया और आँख लग गयी।
इस बीच कछुआ धीरे-धीरे आगे बढ़ता गया।
चिड़िया सबको उड़कर देख रही थी और बोली, “वाह! कछुआ हार नहीं मान रहा।”
भालू और बंदर तालियाँ बजाने लगे।
आख़िर में कछुआ धीरे-धीरे चलते हुए पहले पहुँच गया।
खरगोश जब जागा, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
सबने कहा — “धीरे चलो, पर लगातार मेहनत करो, जीत ज़रूर मिलेगी।” अभिमान तो बिलकुल नहीं करनी चाहिए।
नैतिक शिक्षा:
अभिमान नहीं करना चाहिए, मेहनत तब तक करनी चाहिए , जब तक सफलता ना मिल जाए। मेहनत करने वालों को कभी हार नहीं माननी चाहिए।
Class 1 Hindi NCERT Solutions | Reprint 2025-26
- Chapter 1 | मीना का परिवार
- Chapter 2 | आनंदमयी कविता-" दादा-दादी"
- Chapter 3 | "रीना का दिन" कहानी
- Chapter 4 | रानी भी
- Chapter 5 | मिठाई
- Chapter 6 | तीन साथी
- Chapter 7 | वह, मेरे घोड़े !
- Chapter 8 | खतरे में साँप
- Chapter 9 | आलू की सड़क
- Chapter 10 | झूलम-झूली
- Chapter 11 | भुट्टे
- Chapter 12 | फूली रोटी
- Chapter 13 | मेला
- Chapter 14 | बरखा और मेघा
- Chapter 15 | होली
- Chapter 16 | जन्मदिवस पर पेड़ लगाओ
- Chapter 17 | हवा
- Chapter 18 | कितनी प्यारी है ये दुनिया
- Chapter 19 | चाँद का बच्चा












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